भारत की सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के शेयरों पर विश्लेषकों की “खरीद” सिफारिशें नवंबर 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी पर नज़र रखने वाले 20 में से 19 विश्लेषकों ने इसे “खरीद” रेटिंग दी है। आज आने वाले कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजों से पहले ये उम्मीदें बढ़ गई हैं।
1 भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद आ रहे नतीजे 1. नतीजों पर एक नजर: भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद नतीजे आ रहे हैं। विश्लेषक यह जानना चाहेंगे कि क्या सीमा पर तनाव के कारण भारत का रक्षा खर्च बढ़ेगा, जिससे एचएएल को लाभ होगा।
2. मार्च तिमाही में गिरावट की उम्मीद: जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी द्वारा जेट इंजन की आपूर्ति में देरी से एचएएल के मुनाफे और राजस्व में गिरावट आ सकती है। हालाँकि, अब यह समस्या हल हो गई है, इसलिए आगे प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।
3. शेयरों में उछाल: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव के चलते एचएएल के शेयरों में 8% का उछाल आया। अन्य रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आई, क्योंकि सरकार द्वारा “मेक इन इंडिया” रक्षा उपकरणों पर खर्च बढ़ाने की उम्मीद है।
एचएएल भारत में लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का अग्रणी निर्माता है। सरकारी ऑर्डरों में वृद्धि और आत्मनिर्भरता की नीति से कंपनी को दीर्घकाल में लाभ मिलने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि एचएएल के शेयरों में और बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर यदि नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे।