Home व्यापार सीटूएस कार्यक्रम भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बनाएगा मजबूत

सीटूएस कार्यक्रम भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बनाएगा मजबूत

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नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। सेमीकंडक्टर डिजाइन को एक रणनीतिक जरूरत बनाने के प्रयास में सरकार देश के चिप डिजाइन इकोसिस्टम को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम रही है। सेमीकंडक्टर डिजाइन अप्रोच को लेकर सरकार 250 शैक्षणिक संस्थान और 65 स्टार्टअप को साथ लाने पर काम कर रही है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य रचनात्मकता के नए युग की शुरुआत करना है जहां देश में कौशल वाला कोई भी व्यक्ति कहीं से भी सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण ‘भारत में डिजाइन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि ‘मेक इन इंडिया’ के अनुरूप इस प्रक्रिया में चिप डिजाइन को लोकतांत्रिक बनाया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा, “चिप्स टू स्टार्टअप (सीटूएस प्रोग्राम) का उद्देश्य बीटेक, एमटेक, और पीएचडी लेवल पर 85,000 इंडस्ट्री-रेडी मैनपावर जनरेट करना है जो सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन करने में स्पेशलाइज्ड हों।”

यह प्रोग्राम छात्रों को चिप डिजाइन, फैब्रिकेशन और टेस्टिंग के लिए हैंड-ऑन एक्सपीरियंस पेश करता है।

प्रोग्राम के तहत, इंडस्ट्री पार्टनर्स के सहयोग से आयोजित नियमित ट्रेनिंग सेशंस के जरिए छात्रों को चिप डिजाइन, फैब्रिकेशन और टेस्टिंग रिसोर्स तक पहुंच प्रदान की जाती है।

इन अवसरों में एएसआईसीएस, एसओसीएस और आईपी कोर डिजाइन के वर्किंग प्रोटोटाइप के डेवलपमेंट के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट परियोजनाओं को लागू करना शामिल है।

मंत्रालय के अनुसार, सीटूएस प्रोग्राम के तहत सी-डीएसी में ‘चिपइन सेंटर’ की स्थापना सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में चिप-डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को सेमीकंडक्टर डिजाइन कम्युनिटी के करीब लेकर जाना है।

सेमीकंडक्टर मिशन की दिशा में, ‘बीएलडीसी कंट्रोलर चिप’ के स्वदेशी विकास का काम वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।

मंत्रालय के अनुसार, इस ‘बीएलडीसी कंट्रोलर चिप’ में 90 प्रतिशत बीओएम (बिल ऑफ मटीरियल) भारत में बनाया जाएगा, जिससे आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर समाधान, 1.50 डॉलर से कम कीमत पर बिजली, नियंत्रण समाधान और 10 मिलियन यूनिट/वर्ष की स्केलेबिलिटी मिलेगी।

वर्वेसेमी एक फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी है, जिसे 2017 में शामिल किया गया था। कंपनी अपने स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डेटा कनवर्टर्स और एनालॉग आईपी की विशेषता का इस्तेमाल कर सेंसर और वायरेलेस के लिए हाई परफॉर्मेंस एएसआईसीएस डेवलप करती है।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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