सितारों की ज़िंदगी पर्दे पर जितनी ग्लैमरस दिखती है, असल ज़िंदगी में उतनी नहीं होती। इन ड्रामा से भरपूर सितारों की दुनिया असल ज़िंदगी में हमेशा अलग होती है। काफी संघर्ष, कड़ी मेहनत और मुश्किल हालातों के बाद ये सितारे सुपरस्टार का दर्जा हासिल करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही सुपरस्टार के बारे में बताएंगे, जिनके पिता और माता दोनों ही इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार थे। ये कोई और नहीं बल्कि संजय दत्त हैं। पर्दे पर उनकी ज़िंदगी जितनी ड्रामा से भरी रही है, असल ज़िंदगी भी उतनी ही भावुक और चुनौतीपूर्ण रही है। उनके जीवन में कैंसर एक ऐसी त्रासदी साबित हुआ जिसने न सिर्फ़ उन्हें बल्कि उनके पूरे परिवार को गहरे दर्द से गुज़रने पर मजबूर कर दिया। पहले उनकी माँ नरगिस दत्त को अग्नाशय का कैंसर हुआ, फिर उनकी पहली पत्नी ऋचा शर्मा को ब्रेन ट्यूमर हुआ और आखिरकार वो खुद स्टेज चार के कैंसर से जूझने लगे। इन तीनों घटनाओं ने उनके जीवन को अंदर से झकझोर दिया।
जब माँ नरगिस को हुआ कैंसर
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नरगिस दत्त भारतीय सिनेमा की एक दिग्गज अभिनेत्री और संजय दत्त की माँ थीं। उनका जीवन एक प्रेरणादायक सफ़र रहा, लेकिन अंत बेहद दुखद रहा। 1980 के आसपास नरगिस को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगीं। जांच में पता चला कि उन्हें अग्नाशय का कैंसर है, जो एक बेहद खतरनाक और दर्दनाक बीमारी है। शुरुआती इलाज भारत में हुआ, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें अमेरिका ले जाया गया। इलाज के दौरान उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन फिर अचानक हालत बिगड़ गई और उन्हें वापस भारत लाया गया। 3 मई 1981 को मुंबई में नरगिस का निधन हो गया। दुर्भाग्य से, वह अपने बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म ‘रॉकी’ की रिलीज़ नहीं देख पाईं। उनकी मृत्यु का संजय दत्त पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी माँ के निधन ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया, जिससे वे मानसिक रूप से बेहद अस्थिर हो गए। यही वह समय था जब वे नशे की लत में पड़ गए, जिसका असर उनके पूरे जीवन पर पड़ा। नरगिस के निधन से न केवल संजय, बल्कि उनके पति सुनील दत्त और पूरा परिवार गहरे शोक में डूब गया।
शादी के कुछ साल बाद, हालत गंभीर हो गई
संजय दत्त की पहली पत्नी ऋचा शर्मा एक भारतीय-अमेरिकी अभिनेत्री थीं, जिनके जीवन में एक दुखद मोड़ आया। ऋचा की मुलाकात संजय दत्त से 1980 के दशक में हुई और 1987 में उनकी शादी हो गई। शादी के एक साल बाद ही उनकी एक बेटी हुई, जिसका नाम उन्होंने त्रिशाला दत्त रखा। परिवार खुश था, लेकिन जल्द ही उनके जीवन में एक बड़ा संकट आ गया। शादी के कुछ समय बाद ही ऋचा शर्मा को ब्रेन ट्यूमर के लक्षण दिखाई देने लगे। जब उनकी जाँच की गई, तो डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर में कैंसर का ट्यूमर है। ऋचा को इलाज के लिए अमेरिका ले जाया गया, जहाँ उन्होंने कई सालों तक इस जानलेवा बीमारी से लड़ाई लड़ी। कीमोथेरेपी, सर्जरी और अन्य उपचारों के बाद भी उनकी हालत में ज़्यादा सुधार नहीं हुआ।
ऋचा का अमेरिका में निधन
इस बीमारी का असर ऋचा और संजय के रिश्ते पर भी पड़ा। संजय दत्त उस समय अपने करियर और निजी समस्याओं से भी जूझ रहे थे। बीमारी के कारण ऋचा शर्मा अपनी बेटी त्रिशाला के साथ अमेरिका में ही रहीं, जबकि संजय भारत में थे। ऋचा शर्मा का 10 दिसंबर 1996 को न्यूयॉर्क में निधन हो गया। उस समय उनकी उम्र सिर्फ़ 33 साल थी। ऋचा की असामयिक मृत्यु ने न केवल संजय और त्रिशाला को तोड़ दिया, बल्कि फिल्म जगत को भी झकझोर कर रख दिया। संजय दत्त आज भी अपनी पहली पत्नी और बेटी की यादों को बेहद संजीदगी से याद करते हैं।
जब संजय दत्त भी कैंसर के शिकार हुए
संजय दत्त को अगस्त 2020 में फेफड़ों के कैंसर का पता चला था। सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें स्टेज 4 का कैंसर है, जो एक बेहद गंभीर स्थिति मानी जाती है। यह खबर सुनकर उनके परिवार, प्रशंसकों और फिल्म जगत को गहरा सदमा लगा। डॉक्टरों की सलाह पर संजय दत्त ने मुंबई में इलाज कराने का फैसला किया। उन्होंने कोकिलाबेन अस्पताल में कीमोथेरेपी और अन्य आधुनिक चिकित्सा प्रक्रियाएँ करवाईं। इलाज के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को बताया कि वह कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और जल्द ही ठीक हो जाएँगे। उनके परिवार, खासकर पत्नी मान्यता दत्त ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया। लगभग दो महीने की कठिन कीमोथेरेपी और इलाज के बाद, अक्टूबर 2020 में संजय दत्त ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि वह कैंसर मुक्त हैं।