कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार दर्शन एक बार फिर कानूनी विवादों में घिर गए हैं। इस बार मुद्दा उनकी विदेश यात्रा को लेकर है। रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी दर्शन सशर्त जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अब उन्होंने बेंगलुरु की एक निचली अदालत में याचिका दायर कर विदेश जाने की अनुमति मांगी है। इस याचिका में उन्होंने 1 जून से 25 जून तक दुबई और यूरोप यात्रा की इजाजत मांगी है।
सीआरपीसी की धारा 439(1)(बी) के तहत याचिका
दर्शन ने अपनी याचिका भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 439(1)(बी) के तहत दायर की है। इस धारा के तहत, यदि किसी व्यक्ति को जमानत मिलती है, तो वह कुछ शर्तों में छूट पाने के लिए कोर्ट से इजाजत ले सकता है। दर्शन की विदेश यात्रा की योजना पर सरकारी वकील ने सख्त आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि अगर दर्शन विदेश जाते हैं तो उनके लौटने की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में कोर्ट को उन्हें अनुमति नहीं देनी चाहिए।
आज आ सकता है कोर्ट का फैसला
इस याचिका पर आज दिन के अंत तक कोर्ट का फैसला आने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, जमानत मिलने के बाद दर्शन अपनी आगामी फिल्म ‘डेविल’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। पहले कोर्ट ने दर्शन के बेंगलुरु से बाहर जाने पर रोक लगाई थी, लेकिन बाद में उन्हें भारत के भीतर यात्रा की अनुमति मिल गई थी। अब वे विदेश जाने की अनुमति चाहते हैं।
रेणुकास्वामी मर्डर केस: क्या है पूरा मामला?
11 जून 2024 को दर्शन, उनकी सहयोगी पवित्रा, और अन्य 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने चित्रदुर्ग निवासी रेणुकास्वामी को अगवा कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि रेणुकास्वामी ने पवित्रा को आपत्तिजनक संदेश भेजे थे और वह दर्शन से नाराज था कि वे पवित्रा के साथ संबंध बनाए हुए हैं, जबकि वे शादीशुदा हैं।
घरेलू विवाद और फैंस में बंटवारा
सूत्रों के अनुसार, दर्शन की पत्नी विजयलक्ष्मी और पवित्रा के बीच गहनों, कारों और सोशल मीडिया पर वर्चस्व को लेकर झगड़े होते थे। इन झगड़ों ने सोशल मीडिया पर भी बवाल खड़ा कर दिया था। दर्शन के फैंस दो गुटों में बंट गए—एक विजयलक्ष्मी के समर्थन में और दूसरा पवित्रा के पक्ष में।
पुलिस के अनुसार, रेणुकास्वामी विजयलक्ष्मी का समर्थक था और उसने पवित्रा की आलोचना की थी, जो अंततः उसकी हत्या का कारण बना।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
कर्नाटक पुलिस ने दर्शन और अन्य आरोपियों को दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला न सिर्फ फिल्मी दुनिया बल्कि कानूनी और सामाजिक स्तर पर भी बड़ी बहस का कारण बन गया है।
अब सभी की नजर कोर्ट के उस फैसले पर टिकी है, जो यह तय करेगा कि दर्शन को विदेश यात्रा की अनुमति दी जाएगी या नहीं। यह फैसला दर्शन के करियर और कानूनी लड़ाई दोनों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है।