बॉलीवुड फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ 15 साल पहले आज ही के दिन रिलीज हुई थी। अब फिल्म के 15 साल पूरे होने पर एलएसडी के निर्देशक दिबाकर बनर्जी ने कई खुलासे किए हैं। उन्होंने 15 साल बाद फिल्म की कहानी में बदलाव पर निराशा जताई है। इस फिल्म में दिबाकर बनर्जी की डिजिटल दुनिया को दिखाया गया है, जहां आम लोगों को असाधारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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यह फिल्म काफी बोल्ड थी तो सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने इसे कैसे पास कर दिया? अब उनको लेकर भी एक बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीएफसी ने इस फिल्म पर कई आपत्तियां उठाई थीं। अब इस बारे में बात करते हुए ‘लव सेक्स और धोखा’ के निर्देशक दिबाकर बनर्जी ने खुलासा किया कि उन्होंने सेंसर बोर्ड को फिल्म की डीवीडी सौंप दी है। ताकि वे पहले से सुझाव दे सकें कि फिल्म में कौन से कट्स शामिल किये जाने चाहिए? जिसके बाद फिल्म में कोई देरी नहीं होगी।
प्रेम दृश्य की अनुमति नहीं थी
सेंसर बोर्ड की समीक्षा से उन्हें सुझाव मिला कि फिल्म में सेक्स दृश्यों को धुंधला कर दिया जाना चाहिए। निर्देशक को बताया गया कि यह दृश्य बहुत ही ग्राफिक है और इसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है। सेंसर बोर्ड किसी भी तरह से प्रेम-प्रसंग वाले दृश्यों की इजाजत नहीं देता। फिल्म को सेंसरशिप के लिए भेजे जाने से पहले उन्हें यह बात स्पष्ट रूप से बता दी गई थी। आपको बता दें, दिबाकर बनर्जी का कहना है कि यह फिल्म सिर्फ ‘सेक्स, सेक्स और सेक्स’ के बारे में नहीं है।
सेंसर बोर्ड के कारण फिल्म की कहानी में क्या बदलाव आया?
15 साल बाद दिबाकर बनर्जी का दर्द भी छलक आया है। उनका कहना है कि वह सेंसर बोर्ड के कट रेफरेंस से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। दरअसल, एक निम्न जाति के लड़के और एक उच्च जाति की लड़की की प्रेम कहानी में कटौती की गई थी। इससे निर्देशक की कहानी का नजरिया पूरी तरह बदल गया। जातिगत चुनौती वाली यह प्रेम कहानी एक गरीब लड़के और एक अमीर लड़की के बीच रोमांस में बदल गई। निर्देशक का कहना है कि यह उनकी योजना नहीं थी। सेंसर बोर्ड के फैसले से फिल्म हिट हो गई, लेकिन निर्देशक नाखुश रहे।