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सेंसेक्स का ऐतिहासिक रिकॉर्ड पहली बार 86,000 के पार, निफ्टी ने भी बनाया नया हाई, इन 5 कारणों से मार्केट में बड़ा बुल रन

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भारतीय शेयर बाज़ारों ने आज, 27 नवंबर को नए रिकॉर्ड बनाए। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने अब तक के सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गए। ग्लोबल मार्केट से मिले मज़बूत संकेतों, इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीद और विदेशी निवेशकों की ज़बरदस्त खरीदारी ने मार्केट सेंटिमेंट को बढ़ावा दिया। निफ्टी ने 26,306.95 का नया ऑल-टाइम हाई छुआ। निफ्टी का पिछला रिकॉर्ड 26,306.95 था, जो 14 महीने पहले 27 सितंबर, 2024 को पहुंचा था। सेंसेक्स ने पहली बार 86,000 का आंकड़ा भी पार किया, और 86,026.18 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। सुबह करीब 10:15 बजे, सेंसेक्स 318.71 पॉइंट ऊपर 85,928.22 पर ट्रेड कर रहा था। निफ्टी 73.10 पॉइंट ऊपर 26,278.40 पर ट्रेड कर रहा था। निफ्टी पर बजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के शेयर 2% तक चढ़े। शेयर मार्केट में आज की तेज़ी के पीछे पांच बड़े कारण:

1) विदेशी इन्वेस्टर्स की ज़बरदस्त खरीदारी
विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) ने लगातार दूसरे दिन भारतीय शेयर मार्केट में बड़ी खरीदारी की। बुधवार को उन्होंने ₹4,778.03 करोड़ की नेट खरीदारी की। इससे पहले, मंगलवार को उन्होंने ₹785.32 करोड़ का निवेश किया था। विदेशी इन्वेस्टर्स की इस लगातार खरीदारी से मार्केट को काफी सपोर्ट मिला।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “इस रैली को फंडामेंटल सपोर्ट मिल रहा है। अक्टूबर में कंजम्पशन में ज़बरदस्त उछाल से दिसंबर और मार्च तिमाही के नतीजे भी मज़बूत रहने की उम्मीद है। अगर त्योहारों के मौसम के बाद यह ट्रेंड थोड़ा धीमा भी होता है, तो भी आगे चलकर अर्निंग्स ग्रोथ मज़बूत रहने की उम्मीद है, जिससे मार्केट रैली को सपोर्ट मिलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “फेडरल रिजर्व द्वारा इंटरेस्ट रेट में कटौती की संभावना और रूस-यूक्रेन शांति समझौते की उम्मीदों से ग्लोबल मार्केट में सेंटिमेंट बेहतर हुआ है। हालांकि, ज़्यादा वैल्यूएशन एक तेज़ और लंबे समय तक चलने वाले अपट्रेंड को रोक सकते हैं।”

2) इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीद

US फेडरल रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि वह दिसंबर में इंटरेस्ट रेट कम करेगा, जिससे स्टॉक मार्केट में फिर से उछाल आया है। इस बीच, अगले हफ्ते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की मीटिंग शुरू हो रही है, और इस उम्मीद से रेट-सेंसिटिव स्टॉक्स में जोरदार खरीदारी हो रही है। निफ्टी ने बुधवार को पांच महीनों में अपना सबसे अच्छा सेशन देखा।

3) ग्लोबल मार्केट्स से पॉजिटिव सिग्नल

US इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीदों पर गुरुवार को ज्यादातर एशियाई मार्केट्स में भी तेजी आई। CME फेडवॉच टूल के अनुसार, दिसंबर में इंटरेस्ट रेट में कटौती की संभावना एक हफ्ते पहले के 30% से बढ़कर लगभग 85% हो गई है। एशियाई मार्केट्स में, साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का SSE कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स सभी हरे निशान पर ट्रेड कर रहे थे।

4) कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

ब्रेंट क्रूड की कीमतें गुरुवार को 0.48% गिरकर $62.83 प्रति बैरल पर आ गईं। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को आम तौर पर भारत के लिए फायदेमंद माना जाता है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत का इंपोर्ट बिल कम होता है और महंगाई का दबाव कम होता है।

5) भारत पर IMF पॉजिटिव

26 नवंबर को जारी अपनी स्टाफ कंसल्टेशन रिपोर्ट में, IMF ने अनुमान लगाया कि भारत फिस्कल ईयर 2029 तक $5 ट्रिलियन की इकॉनमी बन जाएगा। यह उसके पहले के अनुमान से एक साल की देरी है। नया अनुमान टाइमलाइन को थोड़ा आगे बढ़ाता है, लेकिन IMF के अनुसार, भारत की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी मजबूत बनी हुई है। इस अनुमान से इन्वेस्टर का भरोसा बढ़ा।

टेक्निकल चार्ट क्या इशारा कर रहे हैं?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि बुधवार को बना बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न निफ्टी के 26,470–26,550 के अपने टारगेट को बनाए रखने की गुंजाइश दिखाता है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह पैटर्न किसी मजबूत अपट्रेंड की शुरुआत का इशारा नहीं करता, बल्कि पिछले चार दिनों में देखी गई गिरावट का उलटफेर दिखाता है। उन्होंने आगे बताया कि अगर निफ्टी 26,165 से ऊपर रहता है, तो पॉजिटिव ट्रेंड बना रह सकता है, लेकिन अगर निफ्टी 26,098 से ऊपर नहीं टिक पाता है, तो मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग हो सकती है।

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