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स्टैंडर्ड चार्टर्ड और हरिति का मिलकर प्रोजेक्ट ट्रीडम 2.0 के तहत सेना की इकाइयों में लगाएंगे 10 लाख देशी पौधे

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05 अगस्त 2025, भारत – स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, इंडिया और हरितिका, एक गैर-सरकारी संगठन, ने “प्रोजेक्ट ट्रीडम 2.0” की घोषणा की है – एक ऐसी पहल जिसके माध्यम से 1 मिलियन (10 लाख) देशी पौधे चार सैन्य संस्थानों में लगाए जा रहे हैं। यह महत्वाकांक्षी बड़ी वृक्षारोपण परियोजना : ग्वालियर (0.2 मिलियन – 2 लाख) , बबीना (0.3 मिलियन – 3 लाख), सागर (0.3 मिलियन – 3 लाख), और अहमदनगर ( 0.2 मिलियन – 2 लाख ) इकाइयों में संचालित की जा रही है, जो भारत के हरित आवरण को बढ़ाने और पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने की दिशा में बैंक के प्रयासों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यह पहल भारत के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में व्याप्त गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करती है, जो मुख्य रूप से भौगोलिक कारकों के कारण जल संकट के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हैं। बदलते जलवायु पैटर्न ने वर्षा और कृषि गतिविधियों को लगातार बाधित किया है, जिससे उन लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है जो खेती के लिए मानसून पर निर्भर हैं। प्रोजेक्ट ट्रीडम 2.0 के माध्यम से, बैंक कृषि वानिकी आधारित सतत कार्बन अवशोषण पहलों के माध्यम से नए वन विकसित करने पर काम कर रहा है, जिसमें जैव विविधता का संरक्षण और विभिन्न देशी प्रजातियों का रोपण शामिल है। सभी वृक्षारोपण क्षेत्रों में जल के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाई गई है, और जल स्रोतों से पानी उठाने के लिए सौर ऊर्जा चालित जल प्रणालियां भी स्थापित की गई हैं, जिससे सतत और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को और बढ़ावा दिया जा रहा है।

अगस्त 2024 से, वृक्षारोपण अभियान से पहले सभी स्थलों पर व्यापक तैयारी कार्य पूरा किया गया, जिसमें स्थल की पहचान, सफाई, पूर्व-रोपण सर्वेक्षण, रोपण योजना डिजाइन, गड्ढों की खुदाई, उर्वरीकरण, और सतत जल प्रणालियों की स्थापना शामिल थी। दो दशकों तक फैले अनुमानित पर्यावरणीय प्रभाव और 70-80% की अनुमानित जीवित रहने की दर के साथ, इस पहल में प्रति वर्ष औसतन 447,023 टन CO₂ को अवशोषित करने की क्षमता है। कार्बन अवशोषण से परे, यह स्थानीय जैव विविधता को काफी हद तक बढ़ाएगा, इन इकाइयों के भीतर हरित आवरण को पुनर्जीवित करेगा, और स्थानीय समुदायों के लिए फल और औषधीय उत्पाद प्रदान करेगा।

एक अधिक सतत भविष्य के निर्माण के प्रति स्टैंडर्ड चार्टर्ड की प्रतिबद्धता इसके कई बड़े पैमाने के पर्यावरणीय और जल संबंधी पहलों के माध्यम से स्पष्ट होती है। प्रोजेक्ट ट्रीडम के पहले संस्करण के दौरान, वर्ष 2023 में, 1 मिलियन (10 लाख) देशी पेड़ महाराष्ट्र के अहमदनगर की बंजर भूमि (0.5 मिलियन – 5 लाख), दिल्ली के पास मानेसर में अरावली पर्वतमाला (0.3 मिलियन – 3 लाख) , और राजस्थान के जोधपुर के शुष्क क्षेत्र (0.2 मिलियन – 2 लाख) में भूमि में लगाए गए थे।

करुणा भाटिया, हेड – सस्टेनेबिलिटी, इंडिया, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज, ने कहा, “स्टैंडर्ड चार्टर्ड में, हम एक अधिक सतत भविष्य को बढ़ावा देने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं, और प्रोजेक्ट ट्रीडम इस दृष्टिकोण का सटीक प्रतिनिधित्व करता है। इन इकाइयों में एक मिलियन पेड़ लगाने के लिए हमारी हरितिका के साथ साझेदारी सामूहिक प्रयास की शक्ति का प्रमाण है। यह पहल केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है; यह हरित आवरण को व्यापक रूप से बढ़ाकर, बड़ी मात्रा में CO₂ का अवशोषण कर, और आने वाले दशकों तक स्थानीय जैव विविधता को समृद्ध कर, एक स्थायी पर्यावरणीय प्रभाव बनाने के बारे में है। हमें विश्वास है कि इस प्रकार की बड़े पैमाने की पर्यावरणीय परियोजनाओं में निवेश करके, हम न केवल जलवायु परिवर्तन को कम करने में योगदान दे रहे हैं, बल्कि उन समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण को भी सीधे तौर पर बेहतर बना रहे हैं, जिनकी हम सेवा करते हैं।”

मेजर जनरल केटीजी कृष्णन, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, शहबाज़ डिवीजन ने कहा, “शहबाज़ डिवीजन की ओर से, हम ग्वालियर और सागर मिलिट्री स्टेशन में प्रोजेक्ट ट्रीडम के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व करने के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड और उसकी टीम की सराहना करते हैं। हरियाली के माध्यम से पारिस्थितिक समर्थन को बढ़ाने के प्रति आपकी प्रतिबद्धता हमारे पर्यावरण पर वास्तविक प्रभाव डाल रही है और वनीकरण एवं पुनः वनीकरण अभियान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रही है। प्रकृति के संरक्षण में आपके प्रयास सराहनीय हैं और हम सभी को अधिक पर्यावरण-प्रेमी बनने के लिए प्रेरित करते हैं। निरंतर बढ़ते रहें, हरित रहते रहें!!”

अवनी सिंह, संस्थापक और कार्यकारी निदेशक, हरितिका ने कहा, “हम प्रोजेक्ट ट्रीडम पर सहयोग करने का अवसर प्रदान करने के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं — यह एक परिवर्तनकारी यात्रा है जो पारिस्थितिक पुनर्जागरण को समर्पित है। लगभग एक मिलियन विविध प्रजातियों का वृक्षारोपण कर हम केवल हरित आवरणों को नहीं बढ़ा रहे हैं, बल्कि वायुमंडलीय CO₂ के महत्वपूर्ण अवशोषण को भी संभव बना रहे हैं। जलवायु, समुदाय और जैव विविधता (CCB) के संगम में हमारा प्रत्यक्ष हस्तक्षेप पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है।”

मनीष सिंह, प्रमुख, सीआरईएस (CRES), इंडिया, आसियान और साउथ एशिया, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने कहा, “बैंक उन समुदायों में जीवन को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है, जहां हम कार्य करते हैं। प्रोजेक्ट ट्रीडम की इस विशेष पहल के माध्यम से, हम पर्यावरण में पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ाने का लक्ष्य रख रहे हैं। यह हरित आवरण के उद्देश्य को पूरा करता है और इसके साथ ही हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में योगदान देता है।”

Press Release

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