ज्योतिष शास्त्र में आपने हनुमान चालीसा के पाठ के कई फायदे सुने होंगे, लेकिन इसके चिकित्सीय लाभों के बारे में भी आपने बहुत कम सुना होगा। हाल ही में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. स्वेता अदातिया ने यूट्यूब पर इस पर एक वीडियो बनाया है। डॉ. श्वेता ने अपने वीडियो में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हनुमान चालीसा के फायदे गिनाए और दावा किया कि हनुमान चालीसा का पाठ करना दिल और दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा को ‘यौगिक श्वास’ माना जाता है। इसका मतलब यह है कि जब आप इसे पढ़ते हैं तो आपकी सांस एक विशेष पैटर्न में चलती है।
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उदाहरण के लिए, कुछ चौपाइयों का पाठ करते समय सांस को अंदर लिया जाता है (जैसे- जय हनुमान ज्ञान गुण सागर), जबकि अन्य चौपाइयों का पाठ करते समय सांस को छोड़ा जाता है (जैसे- जय कपीस तिहु लोक उजागरा), कुछ में सांस को रोक कर रखा जाता है (जैसे- रामदूत अतुलित बलधामम्), कुछ में सांस को रोक कर छोड़ने के बाद उसे छोड़ दिया जाता है।
डॉ. स्वेता के अनुसार, यह प्रक्रिया हृदय गति परिवर्तनशीलता (एचआरवी) को प्रभावित करती है, जो हृदय की स्थिति को स्वस्थ रखने में मदद करती है। वहीं अगर हनुमान चालीसा का पाठ सही तरीके से किया जाए तो इसका सीधा असर ‘लिम्बिक सिस्टम’ पर पड़ता है जिससे व्यक्ति की चिंता वास्तव में कम होती है और उसके भीतर बसा डर दूर होता है।
डॉक्टर ने बताया कि हनुमान चालीसा पढ़ने से वेगस तंत्रिका तंत्र सक्रिय होता है, जो पाचन और तनाव प्रबंधन जैसे शरीर के कई कार्यों में मदद करता है। जब यह तंत्रिका सक्रिय होती है तो शरीर की कई प्रक्रियाएं स्वतः ही ठीक हो जाती हैं।
अपने वीडियो में उन्होंने हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि इसका लाभ इत्मीनान से पढ़ने से ही प्राप्त किया जा सकता है, इसे तेजी से पढ़ना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रयोगों से यह सब बातें देखी गई हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से हृदय और मस्तिष्क दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह वीडियो 18 जनवरी को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। अब तक इसे 57 हजार व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, 2 हजार 400 लोगों ने इसे लाइक किया है। इसमें उन्होंने हनुमान मंत्र से लेकर सांस लेने के तरीके तक सब कुछ समझाया है।