वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच गुरुवार (26 जून) को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुले। बीईएल, भारती एयरटेल, इटरनल, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी और एमएंडएम के शेयरों में खरीदारी से बाजार में तेजी आई। आज के कारोबार में बाजार की दिशा कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी। इनमें पश्चिम एशिया में तनाव कम होना, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया टिप्पणियां, मजबूत प्राथमिक बाजार गतिविधि (आईपीओ), संस्थागत निवेश और वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत शामिल हैं। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज करीब 100 अंक ऊपर 82,882.92 पर खुला।
बाजार खुलते ही खरीदारी देखने को मिली, जिससे सूचकांक में और तेजी आई। सुबह 9:26 बजे यह 242.79 अंक या 0.29% ऊपर 82,998.30 पर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी से अब तक रेपो रेट में 100 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.5% कर दिया गया है। साथ ही, 6 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती से बाजार में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये आएंगे। इससे फंडिंग की लागत कम होने और लोन वितरण में तेजी आने की संभावना है।
वैश्विक संकेत कैसे हैं?
वैश्विक मोर्चे पर, एशिया-प्रशांत बाजारों में गुरुवार को मिलीजुली शुरुआत देखने को मिली। निवेशक ईरान-इजराइल युद्धविराम की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। जापान का निक्केई इंडेक्स 0.98% बढ़ा, जबकि TOPICS इंडेक्स 0.48% बढ़ा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.51% गिरा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 0.11% फिसला।
जहां तक अमेरिकी बाजारों की बात है, फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने सीनेट के समक्ष गवाही के दौरान दोहराया कि अगर मुद्रास्फीति अस्थायी साबित होती है तो ब्याज दरों में कटौती संभव है, हालांकि उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई। ट्रंप प्रशासन लगातार फेड पर दरों में कटौती करने का दबाव बना रहा है। बुधवार की रात अमेरिकी बाजारों में बहुत कम हलचल रही। एसएंडपी 500 मामूली गिरावट के साथ 6,092.16 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.31% की बढ़त के साथ 19,973.55 पर बंद हुआ। वहीं, डॉव जोन्स 0.25% की गिरावट के साथ 42,982.43 पर बंद हुआ। निवेशक अब अमेरिका के पहली तिमाही के अंतिम जीडीपी मूल्य सूचकांक डेटा और साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के डेटा पर नज़र रख रहे हैं, जो बाजार के अगले कदम को प्रभावित कर सकते हैं।