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हर दिन के तनाव और मानसिक उलझनों से मुक्ति चाहते हैं? तो वीडियो में जाने गरुड़ पुराण के 7 लाइफस्टाइल सूत्र जो बदल देंगे जीवन

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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी तनाव, चिंता या मानसिक अशांति से जूझ रहा है। लोग चैन की नींद, सुख-शांति और मानसिक संतुलन पाने के लिए तमाम उपाय आजमाते हैं—कभी मेडिटेशन, कभी योग, तो कभी मोटिवेशनल स्पीच। लेकिन क्या आपने कभी प्राचीन ग्रंथों की ओर रुख किया है? विशेष रूप से गरुड़ पुराण, जिसे हिन्दू धर्म में मृत्यु और पुनर्जन्म से जुड़ी बातें बताने वाला ग्रंथ माना जाता है, लेकिन इसमें जीवनशैली सुधारने के लिए भी अद्भुत और व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं।गरुड़ पुराण सिर्फ मृत्यु के बाद की यात्रा का मार्गदर्शन नहीं करता, बल्कि यह जीवन को बेहतर, शांतिपूर्ण और अनुशासित बनाने के भी सूत्र देता है। आइए जानते हैं कि गरुड़ पुराण के कौन-कौन से लाइफस्टाइल टिप्स हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में तनाव को कम कर सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

1. सादा और सात्विक भोजन रखें प्राथमिकता में

गरुड़ पुराण के अनुसार, हमारा भोजन न केवल शरीर को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे विचारों और मन की स्थिरता पर भी गहरा असर डालता है। अधिक तामसिक, वसायुक्त और अत्यधिक मसालेदार भोजन क्रोध, आलस्य और चिंता को बढ़ाता है। वहीं, सात्विक भोजन जैसे फल, हरी सब्जियां, दूध और अनाज मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं।

2. नियमित ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालें

गरुड़ पुराण में ब्रह्म मुहूर्त को आत्मचिंतन, पढ़ाई और ध्यान के लिए सर्वोत्तम समय बताया गया है। रोज़ सुबह सूर्योदय से पूर्व उठने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ, दीर्घायु और मानसिक स्थिरता का वरदान मिलता है। यह आदत न केवल दिनभर की ऊर्जा बढ़ाती है, बल्कि तनाव को भी कम करती है।

3. क्रोध और ईर्ष्या पर रखें नियंत्रण

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि क्रोध और ईर्ष्या मनुष्य के पतन के मुख्य कारण हैं। ये दो मानसिक विकार न केवल रिश्तों में दरार डालते हैं, बल्कि मन और शरीर को भी रोगग्रस्त बना देते हैं। ग्रंथ में सलाह दी गई है कि हर परिस्थिति में धैर्य और क्षमा को अपनाना चाहिए। इससे जीवन में स्थायित्व और आनंद बना रहता है।

4. दैनिक दिनचर्या का पालन करें अनुशासित ढंग से

अव्यवस्थित दिनचर्या मानसिक और शारीरिक असंतुलन का मुख्य कारण है। गरुड़ पुराण अनुशासन को सबसे बड़ा धर्म मानता है। ग्रंथ के अनुसार, समय पर सोना, उठना, भोजन करना और अध्ययन या काम करना व्यक्ति के भीतर अनुशासन, एकाग्रता और आत्मबल बढ़ाता है, जिससे तनाव अपने आप कम होता है।

5. अच्छे और सच्चे लोगों की संगति करें

“सत्संग” या अच्छे लोगों की संगति का विशेष उल्लेख गरुड़ पुराण में मिलता है। यह कहा गया है कि जिस प्रकार एक गंदा वातावरण मन को विषैला कर देता है, उसी प्रकार बुरी संगति जीवन को अशांत कर सकती है। सच्चे, ईमानदार और आध्यात्मिक लोगों की संगति न केवल सोच को परिष्कृत करती है, बल्कि आचरण और जीवनशैली को भी सशक्त बनाती है।

6. दान, सेवा और करुणा से बनाएं जीवन को अर्थपूर्ण

गरुड़ पुराण में दान और सेवा को आत्मिक शांति का सबसे बड़ा मार्ग बताया गया है। जो व्यक्ति दूसरों की मदद करता है, उसे भीतर से संतोष और शक्ति मिलती है। यह तनाव से लड़ने की एक नैसर्गिक शक्ति देता है, जो न किसी दवा में होती है और न किसी थेरेपी में।

7. मृत्यु का चिंतन, जीवन का बोध कराता है

हालांकि यह सुनने में अजीब लगे, लेकिन गरुड़ पुराण कहता है कि मृत्यु का चिंतन व्यक्ति को जीवन के असली उद्देश्य से जोड़ता है। जब हम यह समझ जाते हैं कि सब कुछ नश्वर है, तो छोटी-छोटी समस्याएं, तनाव और दुख हमारे मन पर भारी नहीं पड़ते। यह भाव मानसिक संतुलन और वैराग्य का भाव उत्पन्न करता है, जो आज के दौर में बेहद आवश्यक है।

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