मूवीज न्यूज़ डेस्क – दिलीप कुमार अपने जमाने के सुपरस्टार हुआ करते थे। एक्टिंग के साथ-साथ उन्होंने एक बार डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया और फिल्म ‘गंगा जमुना’ बनाई। उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस भी किया। यह फिल्म हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। कई मायनों में इस फिल्म को ट्रेंड सेटर भी कहा जाता है। लेकिन दिलीप कुमार की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें लगा कि शायद अब यह फिल्म रिलीज नहीं हो पाएगी। उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फिल्म को रिलीज करवाने में मदद की थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर भारी कटौती कर दी थी। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। दिलीप कुमार ने फिल्म ‘गंगा जमुना’ बनाई थी। जब वह इस फिल्म को मंजूरी के लिए सेंसर बोर्ड के पास ले गए तो सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज करने से मना कर दिया। सेंसर बोर्ड का कहना था कि फिल्म में अश्लीलता और हिंसा दिखाई गई है। इससे दिलीप कुमार हैरान रह गए।
जब पीएम नेहरू ने की दिलीप कुमार की मदद
दिलीप कुमार अपनी फिल्म रोकने को तैयार नहीं थे और उन्होंने सेंसर बोर्ड को मनाने की काफी कोशिश की। जब उन्हें कोई विकल्प नहीं दिखा तो एक्टर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पास पहुंचे। दिलीप कुमार ने पीएम से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेंसर बोर्ड अपनी मनमानी कर रहा है और जबरदस्ती सीन हटाने की बात कर रहा है। फिर नेहरू जी के साथ ये मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। नेहरू जी ने दिलीप कुमार की बात सुनी, फिर मामला सुलझ गया. फिर भी सेंसर बोर्ड ने ‘गंगा जमुना’ में 250 कट लगाए और आखिर में इसे यू सर्टिफिकेट दिया।
सिनेमाघरों में रिलीज होते ही हिट हो गई फिल्म
इतनी मेहनत के बाद जब ‘गंगा जमुना’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो फिल्म ने बंपर सफलता हासिल की। फिल्म में दिलीप कुमार के साथ वैजयंतीमाला और नासिर खान भी नजर आए. लोगों को सभी की एक्टिंग पसंद आई और फिल्म ने अच्छी कमाई की. लेकिन सेंसर बोर्ड से विवाद का दिलीप कुमार पर बुरा असर पड़ा। इसीलिए उन्होंने ‘गंगा जमुना’ के बाद कोई फिल्म नहीं बनाई। इतना ही नहीं, एक इंटरव्यू के दौरान दिलीप कुमार ने कहा था, “फाइनेंसर ढूंढना,उनसे मोलभाव करना, ब्याज देना और सेंसरशिप के लिए अपमान सहना बहुत दर्दनाक है।