Home व्यापार ₹600000Cr का हुआ नेशनल स्टॉक, क्या BSE का भी रिकॉर्ड तोड़ेगा NSE?

₹600000Cr का हुआ नेशनल स्टॉक, क्या BSE का भी रिकॉर्ड तोड़ेगा NSE?

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भारत का सबसे बड़ा इक्विटी डेरिवेटिव एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE), अब अपना IPO (Initial Public Offering) लाने की तैयारियों में है। प्राइवेट मार्केट में NSE का वैल्यूएशन 6 लाख करोड़ रुपये के लगभग पहुंच चुका है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये IPO भारतीय बाजार का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है, जो हुंडई मोटर इंडिया, LIC और पेटीएम के आईपीओ से भी कई गुना बड़ा होगा।

NSE का IPO क्यों बना चर्चा का विषय?

हाल के दिनों में NSE निवेशकों की नजरों में छा गया है क्योंकि इसका नॉन-लिस्टेड मार्केट में रेट तेजी से बढ़ रहा है। सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे की टिप्पणी के बाद इस IPO को लेकर चर्चा और तेज हो गई है। पिछले लगभग 15 दिनों में NSE के शेयर की कीमत 1,500 रुपये से बढ़कर 2,400 रुपये के करीब पहुंच गई है, जो लगभग 60% की तेजी दर्शाती है।

एनएसई के कुल 24.50 करोड़ बकाया शेयरों को देखते हुए इसका मार्केट वैल्यूएशन करीब 5.88 लाख करोड़ रुपये है। यदि NSE अपनी कुल इक्विटी का 10% हिस्सा बेचता है, तो IPO का आकार करीब 55,000 से 60,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। यह साइज भारतीय बाजार के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा।

सबसे बड़े IPO का रिकॉर्ड टूटने वाला है

यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो NSE IPO भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा इश्यू साबित होगा। वर्तमान में हुंडई मोटर इंडिया का IPO भारत का सबसे बड़ा माना जाता है, जिसने 28,870 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पहले LIC का IPO लगभग 21,000 करोड़ रुपये का था। NSE का यह IPO इन सभी रिकॉर्डों को तोड़ सकता है।

विशेषज्ञों की राय

प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर ने कहा है कि NSE का IPO भारतीय शेयर बाजार का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि NSE का प्रदर्शन अच्छा रहेगा क्योंकि भारत में पूंजी बाजार की पहुंच अभी भी सीमित है और अगले 5 वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि हो सकती है।

अल्मंड्ज ग्लोबल के सीनियर इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट सिमरनजीत सिंह भाटिया का कहना है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ-साथ चौथे सबसे बड़े पूंजी बाजार के रूप में उभर रहा है। इसी के चलते NSE डेली ऑर्डर वॉल्यूम और ट्रेड के हिसाब से वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा एक्सचेंज बन चुका है।

SEBI ने दिया हरी झंडी, IPO की राह हुई आसान

NSE ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर IPO के लिए आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली है। दिसंबर 2016 में IPO प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने के बाद से NSE के शेयर नॉन-लिस्टेड मार्केट में सक्रिय रूप से कारोबार कर रहे हैं।

NSE व्यापार संख्या के आधार पर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और 2024 में इसका 17.5% बाजार हिस्सा रहा है। इसके अलावा, यह 81.7% कॉन्ट्रैक्ट्स के कारोबार के साथ वैश्विक डेरिवेटिव एक्सचेंज में शीर्ष पर भी है।

IPO आने में लग सकता है 6 महीने का वक्त

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, SEBI से मंजूरी मिलने के बाद NSE IPO बाजार में आने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है। 31 मार्च 2025 तक NSE का इक्विटी कैश सेगमेंट में 93.6% और इक्विटी फ्यूचर्स में 99.9% बाजार हिस्सेदारी थी। इसके राजस्व में 16% की वृद्धि के साथ कुल 17,141 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ में 47% की वृद्धि के साथ 12,188 करोड़ रुपये रहा है।

निष्कर्ष

NSE का IPO न केवल भारत के पूंजी बाजार के लिए एक बड़ा कदम होगा, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा। इस IPO के सफल होने से NSE की विश्वसनीयता और विस्तार दोनों में मदद मिलेगी। साथ ही, यह भारतीय पूंजी बाजार को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।

भारत के निवेशक और वित्तीय बाजार इस IPO को लेकर उत्साहित हैं और माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह आईपीओ देश के वित्तीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा।

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