अगर आप Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे ऐप्स के जरिए UPI पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 अगस्त से UPI यूजर्स को कुछ तकनीकी बदलावों का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI नेटवर्क पर बढ़ते लोड को कम करने के लिए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका उद्देश्य है कि अनावश्यक API रिक्वेस्ट को कम किया जा सके और सिस्टम को अधिक स्थिर और प्रभावी बनाया जा सके।
इन बदलावों का असर खासतौर पर उन यूजर्स पर पड़ेगा जो दिन में कई बार बैलेंस चेक करते हैं या जिनके एक से ज्यादा बैंक अकाउंट एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े होते हैं। NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 जुलाई तक यह बदलाव लागू करने के लिए कहा है। आइए जानते हैं ये बदलाव क्या हैं और इनका आम यूजर्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
दिन में सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक की अनुमति, मोबाइल नंबर से लिंक खातों की डिटेल्स पर भी सीमा
नई गाइडलाइंस के अनुसार अब UPI ऐप्स के जरिए बैंक बैलेंस चेक करने पर एक दिन में केवल 50 बार की ही अनुमति होगी। यानी अगर कोई व्यक्ति दिन में 50 बार से अधिक बैलेंस चेक करता है, तो उसके बाद वह उस दिन के लिए बैलेंस नहीं देख पाएगा। यह नियम उन लोगों पर खासतौर पर असर डालेगा जो बार-बार ट्रांजैक्शन से पहले बैलेंस चेक करते हैं या जिनके एक से ज्यादा अकाउंट एक ही मोबाइल नंबर से लिंक हैं।
इसके अलावा, मोबाइल नंबर से लिंक बैंक खातों की जानकारी यानी अकाउंट लिस्ट को भी अब 25 बार से अधिक एक्सेस नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि कोई भी यूजर दिन भर में अधिकतम 25 बार ही अपने लिंक्ड बैंक अकाउंट्स की लिस्ट देख सकता है। इस सीमा के पार जाने पर उस दिन के लिए यह सुविधा बंद हो जाएगी।
NPCI ने बताया कि यह कदम उन बैंकों और ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है जो सिस्टम में बार-बार ‘चेक ट्रांजैक्शन’ और ‘फेच अकाउंट’ जैसी API कॉल्स भेज रहे थे। इससे UPI नेटवर्क पर भारी लोड पड़ता है और सिस्टम डाउन होने की नौबत आ जाती है।
हर सेकंड 7 हजार से ज्यादा ट्रांजैक्शन, 5 घंटे की रुकावट से हुई थी भारी परेशानी
UPI सिस्टम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर सेकंड 7,000 से ज्यादा ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर महीने करीब 16 अरब ट्रांजैक्शन UPI के जरिए पूरे किए जा रहे हैं। यदि यह सेवा सिर्फ एक मिनट के लिए भी ठप हो जाए, तो लगभग 4 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रभावित होते हैं।
अप्रैल 2025 में ऐसी ही एक स्थिति आई थी जब UPI सिस्टम लगभग 5 घंटे तक बंद रहा। इससे लाखों यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा, खासकर उन लोगों को जो तत्काल पेमेंट या बिल भुगतान करने की कोशिश कर रहे थे। NPCI का मानना है कि तकनीकी गड़बड़ी के पीछे बार-बार की जा रही API रिक्वेस्ट का भी बड़ा हाथ था।
इसलिए, अब इन अनावश्यक रिक्वेस्ट्स पर नियंत्रण के लिए ही बैलेंस चेक और अकाउंट फेच लिमिट तय की गई है, जिससे नेटवर्क को स्थिर रखा जा सके और यूजर्स को बिना रुकावट सेवा मिलती रहे।
अब तय समय पर ही होंगे ऑटो पेमेंट्स, दिनभर नहीं चलेगा प्रोसेस
NPCI ने एक और बड़ा बदलाव ऑटो पेमेंट्स को लेकर किया है। अब से SIP, Netflix या किसी भी अन्य सब्सक्रिप्शन से जुड़े ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन केवल नॉन-पीक ऑवर्स में ही प्रोसेस किए जाएंगे। यानी सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से 5 बजे के बीच और रात 9:30 बजे के बाद ही ये पेमेंट्स किए जाएंगे।
इस बदलाव का उद्देश्य यह है कि पीक ऑवर्स में UPI नेटवर्क पर अत्यधिक लोड न पड़े और सामान्य ट्रांजैक्शनों में किसी भी तरह की देरी न हो। NPCI के मुताबिक, सब्सक्रिप्शन पेमेंट्स को पीक टाइम से हटाकर नॉन-पीक टाइम पर शिफ्ट करने से नेटवर्क पर लोड संतुलित होगा और डाउनटाइम की आशंका भी कम होगी।