हॉरर फ़िल्में एक बार फिर सिनेमा की दुनिया पर राज कर रही हैं, लेकिन अब हॉरर फ़िल्मों में कॉमेडी का तड़का भी लग रहा है। पहले हॉरर फ़िल्में इतनी डरावनी होती थीं कि दर्शकों को थिएटर में ही दिल का दौरा पड़ जाता था। लोग घर पर भी ये फ़िल्में देखने से डरते थे। ऐसी ही एक हॉरर/थ्रिलर फ़िल्म थी, जो 15 साल पहले रिलीज़ हुई थी। यह फ़िल्म इतनी डरावनी और विचलित करने वाली थी कि कई देशों ने अपने यहाँ इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह फ़िल्म न सिर्फ़ डरावनी थी, बल्कि इसमें कई अंतरंग और आपत्तिजनक हिंसक दृश्य भी थे। सेंसर बोर्ड ने भी इस फ़िल्म को रिलीज़ करने से मना कर दिया था। यह कौन सी फ़िल्म है, आइए आपको बताते हैं।
फ़िल्म का नाम क्या है?
यह एक विवादास्पद हॉरर फ़िल्म है। फ़िल्म की कहानी एक लड़की पर आधारित है, जिसके साथ बहुत अन्याय होता है। यह लड़की जंगल में फँस जाती है और कुछ लोग हालात का फ़ायदा उठाकर जंगल में उसके साथ बहुत क्रूरता करते हैं और फिर उसे मरा हुआ समझकर वहीं छोड़ देते हैं, लेकिन यह महिला किसी तरह बच निकलती है और उन हैवानों से बदला लेने की आग में जलती रहती है और उनकी ज़िंदगी तबाह करने का प्लान बनाती है।
इस फिल्म का नाम ‘आई स्पिट ऑन योर ग्रेव’ है। फिल्म के कुछ दृश्य इतने भयावह, हिंसक और आपत्तिजनक थे कि लोगों पर इसका बुरा असर पड़ा। इस फिल्म की वजह से महिलाओं के प्रति लोगों की सोच और भी गिरती चली गई। फिल्म में बलात्कार का दृश्य बेहद गंभीर था और लड़की द्वारा बदला लेने वाले दृश्य ने भी लोगों की रूह कंपा दी।
इन देशों में अभी भी प्रतिबंधित
यह फिल्म आयरलैंड, कनाडा, पश्चिमी जर्मनी, आइसलैंड, नॉर्वे और ऑस्ट्रेलिया में अभी भी प्रतिबंधित है। यह फिल्म 1978 में आई फिल्म ‘डे ऑफ द वुमन’ का रीमेक है। फिल्म की कहानी मेयर ज़ारची ने लिखी थी और उन्होंने ही इसका निर्देशन भी किया था। फिल्म की मुख्य भूमिका न्यूयॉर्क की एक लेखिका जेनिफर हिल्स (केमिली कीटन) ने निभाई है, जो जंगल में उसके साथ बेरहमी से बलात्कार करने वाले चार लोगों से बदला लेती है। IMDb ने इसे 10 में से 6.2 रेटिंग दी है।