Home लाइफ स्टाइल 2 मिनट के इस वीडियो में जानें आखिर हनुमान जी ने ब्रह्मचारी...

2 मिनट के इस वीडियो में जानें आखिर हनुमान जी ने ब्रह्मचारी बनने का फैसला क्यों किया था?

28
0

हनुमान जी को भगवान राम का बहुत बड़ा भक्त माना जाता है लेकिन इसके अलावा वे अपने ब्रह्मचारी जीवन के लिए भी काफी प्रसिद्ध हैं। लेकिन उनके ब्रह्मचारी रहने के निर्णय के पीछे कई महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक कारण और कहानियां हैं।

” style=”border: 0px; overflow: hidden”” style=”border: 0px; overflow: hidden;” width=”640″>

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हनुमानजी भगवान राम के परम भक्त हैं। एक मान्यता के अनुसार उन्होंने अपना पूरा जीवन श्री राम की सेवा और भक्ति के लिए समर्पित कर दिया। उन्हें लगा कि यदि वे गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे तो उनके मन में सांसारिक बंधन उत्पन्न हो जाएंगे, जो उनकी भक्ति में बाधा बनेंगे। इसलिए उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन किया। यह भी कहा जाता है कि हनुमानजी की माता अंजनी ने उनसे वचन लिया था कि वे ब्रह्मचारी रहेंगे, ताकि वे सांसारिक मोह-माया से मुक्त रह सकें और सदैव धर्म की सेवा कर सकें। हनुमानजी ने अपनी मां के इस वचन का पालन किया।

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रह्मचर्य का पालन करने से अपार शक्ति, आत्म-नियंत्रण और दिव्य सिद्धियां प्राप्त होती हैं। हनुमानजी ने इन्हीं सिद्धियों और शक्तियों का उपयोग भगवान राम की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए किया। हनुमानजी को ज्ञान, शक्ति, वैराग्य और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। ब्रह्मचर्य उनके तपस्वी एवं तपस्वी जीवन का परिचायक है, जो उन्हें एक महान योद्धा एवं पराक्रमी बनाता है।

” style=”border: 0px; overflow: hidden”” style=”border: 0px; overflow: hidden;” width=”640″>
एक अन्य पौराणिक कथा और पराशर संहिता के अनुसार हनुमान जी ने किसी महत्वपूर्ण कारण से विवाह किया था, लेकिन तब भी उन्होंने ब्रह्मचर्य का नियम नहीं तोड़ा था। कथा के अनुसार एक बार हनुमानजी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया क्योंकि उन्हें सूर्य देव से 9 दिव्य विद्याएं सीखनी थीं। सूर्य देव ने इन 9 में से 5 विद्याएं तो हनुमानजी को दे दीं, लेकिन शेष 4 विद्याओं के लिए सूर्य देव के सामने संकट खड़ा हो गया, क्योंकि शेष 4 विद्याओं का ज्ञान केवल विवाहित व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता था। कहा जाता है कि जब हनुमान जी से विवाह के लिए पूछा गया तो हनुमान जी ने कहा कि उन्होंने आजीवन ब्रह्मचारी रहने का संकल्प लिया है। इस दुविधा को देखकर सूर्य देव ने हनुमान जी से कहा कि वे उनकी पुत्री से विवाह कर सकते हैं। फिर उनका विवाह सुवर्चला से हुआ, जो एक तपस्वी थीं। सूर्य के अनुसार, सुवर्चला एक अयोनिजा (योनि के बिना जन्मी) थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here