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20 दिन और 1 ही बिल्डिंग में बनी पूरी फिल्म, कमाई में तोड़ दिए थे सारे रिकॉर्ड

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विक्रमादित्य मोटवाने के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ट्रैप्ड’ आज भी दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाए हुए है। साल 2016 की यह फिल्म सस्पेंस और इमोशन का ऐसा संगम है, जो देखने वालों के रोंगटे खड़े कर देता है। फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति राज कुमार की है, जो जिंदगी की जद्दोजहद में हार नहीं मानता और अपने संघर्ष से जीत हासिल करता है। खास बात यह है कि इस फिल्म में कोई हीरोइन नहीं थी, बावजूद इसके यह फिल्म एक बड़ा हिट साबित हुई।

राजकुमार राव का दमदार अभिनय

राजकुमार राव, जो भले ही बॉलीवुड के हैंडसम हंक न हों या फिर सिक्स पैक बॉडी से फैंस को लुभा न पाए हों, लेकिन अपनी शानदार एक्टिंग के दम पर वह सबको प्रभावित करते हैं। उन्होंने कई यादगार किरदार निभाए हैं, जो लंबे समय तक लोगों के जहन में बस गए हैं। साल 2016 की ‘ट्रैप्ड’ में भी राजकुमार ने अपनी एक्टिंग से फिल्म को अमर बना दिया। यह फिल्म उनकी एक्टिंग करियर की महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई।

सिर्फ 20 दिनों में पूरी हुई फिल्म की शूटिंग

विक्रमादित्य मोटवाने ने इस फिल्म को महज 20 दिनों में शूट कर लिया था, जो किसी भी निर्देशक के लिए कमाल की बात है। पूरी फिल्म की शूटिंग मुंबई के एक खाली अपार्टमेंट में की गई, जिसे राजकुमार किराए पर लेते हैं। फिल्म की कहानी इसी एक फ्लैट के भीतर पूरी तरह घूमती है। इस बात ने फिल्म को और भी ज्यादा रियलिस्टिक और इंटेंस बना दिया। फिल्म का हर सीन इतना दमदार और दिल दहला देने वाला है कि आज भी इसे लोग उसी ताजगी के साथ देखते हैं जैसे पहली बार देख रहे हों।

बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता

‘ट्रैप्ड’ ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। दुनियाभर में इस फिल्म ने करीब 30 करोड़ रुपये की कमाई की, जो फिल्म के बजट से छह गुना ज्यादा था। केवल 5 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म दर्शकों का खूब प्यार हासिल करने में सफल रही। राजकुमार राव की एक्टिंग को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने खूब सराहा। फिल्म की कमाई ने साबित कर दिया कि अच्छी कहानी और जबरदस्त अभिनय से बिना बड़े सितारों के भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।

फिल्म के कुछ यादगार और विवादित सीन

फिल्म के कई सीन आज भी दर्शकों के जहन में ताजा हैं। एक सीन में राजकुमार राव को पानी की कमी के कारण बाथरूम का पानी पीते हुए दिखाया गया था, जिसे देखकर दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए थे। एक और सीन में दिखाया गया है कि मदद के लिए जब पेन या रंग नहीं होते तो व्यक्ति अपने खून से मदद का बोर्ड लिखता है, जिसके लिए राजकुमार ने अपनी उंगली काट ली थी।

सेंसर बोर्ड ने फिल्म के एक विवादित सीन को रिलीज से पहले हटवाया था। उस सीन में राजकुमार खाने की कमी के कारण कंडोम चाटने लगते हैं, जिसे सेंसर बोर्ड ने अनुचित बताया और फिल्म से हटा दिया। इस विवाद के बावजूद फिल्म की कहानी और अभिनय ने सभी आलोचनाओं को पीछे छोड़ दिया।

निष्कर्ष

‘ट्रैप्ड’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक जज़्बा है, जो इंसान की जिद और संघर्ष को बयां करती है। यह फिल्म बताती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, इंसान अगर हार नहीं मानता तो जीत उसकी ही होती है। राजकुमार राव और विक्रमादित्य मोटवाने ने मिलकर ऐसी फिल्म बनाई जो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है और एक मिसाल बनी हुई है। ऐसे में ‘ट्रैप्ड’ को भारतीय सिनेमा की एक यादगार कृति माना जाना स्वाभाविक है।

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