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2025 में ITR फाइल करने से पहले जान लें टैक्सपेयर्स के लिए क्या बदला? इन 5 बड़े बदलाव के बारे में जानना जरूरी

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हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय करीब आ गया है। लेकिन 2025 में रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बदलाव और नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जिनका असर हर टैक्सपेयर पर पड़ेगा। अगर आप नौकरीपेशा हैं, फ्रीलांसर हैं या किसी भी माध्यम से आय अर्जित करते हैं, तो इन बदलावों की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।

इस साल सरकार ने बजट में टैक्सपेयर्स, खासकर मिडल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप को राहत देने के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। इन बदलावों को अपनाकर आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि रिटर्न फाइल करना भी पहले से आसान हो जाएगा। आइए जानते हैं वो 5 बड़े बदलाव जो 2025 में रिटर्न फाइल करने से पहले जानना जरूरी है।

1. बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट अब 4 लाख रुपये

2025 के बजट में नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। यानी अगर आपकी सालाना टैक्स योग्य इनकम 4 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

इसके साथ ही, यदि आपकी आय 4 लाख से कम है और आपने कुछ विशेष शर्तों जैसे 1 करोड़ से अधिक बैंक डिपॉजिट, 2 लाख से अधिक विदेश यात्रा खर्च, या 1 लाख से अधिक बिजली खर्च को पूरा नहीं किया है, तो आपको ITR फाइल करने की भी जरूरत नहीं होगी

2. 12 लाख तक इनकम वालों को टैक्स छूट

नए प्रस्ताव के अनुसार अब 12 लाख रुपये तक की इनकम वालों को भी टैक्स छूट दी जाएगी, लेकिन यह सुविधा सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम को चुनने वालों के लिए होगी। पहले यह छूट 7 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए थी।

हालांकि, इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ITR फाइल करना अनिवार्य होगा, भले ही टैक्स देय ना हो।

3. नए टैक्स रिजीम में अब होंगे 7 स्लैब

सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को और फेयर बनाने के लिए टैक्स स्लैब की संख्या बढ़ाकर 7 कर दी है। इसका उद्देश्य हर इनकम लेवल के लिए एक उपयुक्त टैक्स रेट तय करना है। ये स्लैब इस प्रकार हैं:

  • ₹0 – ₹4 लाख : कोई टैक्स नहीं

  • ₹4,01,000 – ₹8 लाख : 5%

  • ₹8,01,000 – ₹12 लाख : 10%

  • ₹12,01,000 – ₹16 लाख : 15%

  • ₹16,01,000 – ₹20 लाख : 20%

  • ₹20,01,000 – ₹24 लाख : 25%

  • ₹24 लाख से ऊपर : 30%

4. अपडेटेड ITR की समय सीमा अब 5 साल

पहले जहां अपडेटेड ITR फाइल करने की सीमा 3 साल थी, अब इसे बढ़ाकर 5 साल करने का प्रस्ताव रखा गया है। यानी अगर आपने समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया या किसी गलती को सुधारना चाहते हैं, तो अब आपके पास 2 साल ज्यादा समय होगा।

ध्यान रखें, जितना ज्यादा लेट आप रिटर्न फाइल करेंगे, पेनल्टी और ब्याज की राशि भी उतनी अधिक होगी।

5. दो घरों पर टैक्स छूट की सुविधा

अब तक एक ही घर पर टैक्स छूट मिलती थी, लेकिन बजट 2025 के बाद टैक्सपेयर दो घरों पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। अगर एक घर में आप खुद रहते हैं और दूसरे से कोई खास किराया नहीं मिल रहा, तो उस घर की नॉमिनल रेंटल इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा।

पुरानी या नई टैक्स रिजीम – किसे चुनें?

नई टैक्स प्रणाली में टैक्स स्लैब भले ही सरल हों, लेकिन इसमें 80C, HRA, LTA जैसी छूटें नहीं मिलतीं। हालांकि अब स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है।

वहीं, पुराने टैक्स सिस्टम में आपको 80C के तहत PPF, LIC, ELSS, FD, और सुकन्या योजना जैसी बचतों पर छूट मिलती है। होम लोन, HRA, 80D (हेल्थ इंश्योरेंस) जैसी कटौतियों का फायदा भी यहीं मिलता है।

अगर आप ज्यादा निवेश करते हैं, तो पुराना सिस्टम आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

कुछ जरूरी बातें जो ध्यान रखें

  • 80C के तहत निवेश करके टैक्स बचाएं

  • होम लोन ब्याज पर सेक्शन 24(b) में 2 लाख तक की छूट

  • HRA, ग्रेच्युटी, इंटरनेट व फूड अलाउंस जैसी छूट

  • 80D में हेल्थ इंश्योरेंस पर 1 लाख रुपये तक डिडक्शन

  • लेट फाइलिंग पर पेनल्टी: 5 लाख से कम इनकम पर ₹1000, उससे ऊपर पर ₹5000

निष्कर्ष

2025 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले इन नए नियमों और बदलावों को समझना बेहद जरूरी है। इससे न केवल आप टैक्स बचा पाएंगे, बल्कि किसी भी तरह के जुर्माने से भी बच सकते हैं। अगर आपको यह समझने में परेशानी हो रही है कि कौन सी टैक्स प्रणाली आपके लिए बेहतर है, तो एक बार अपनी इनकम, निवेश और खर्चों का विश्लेषण जरूर करें

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