सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु के कुल 24 अवतार हैं, जिनमें से 10 प्रमुख अवतार हैं। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है, जिन्होंने लगभग 21 बार अत्याचारी राजाओं का वध करके पृथ्वी को पाप से मुक्त किया था। इसीलिए विष्णु का यह अवतार बहुत भयंकर माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन समय में बैसाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। जो लोग इस दिन सच्चे मन से परशुराम जी की पूजा करते हैं उन्हें ज्ञान, साहस और पराक्रम आदि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। आइए जानते हैं साल 2025 में परशुराम जयंती किस दिन मनाई जाएगी। साथ ही जानेंगे परशुराम जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।
2025 में परशुराम जयंती कब है?
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस वर्ष वैशाख माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल 2025, मंगलवार को शाम 05:31 बजे प्रारंभ हो रही है, तथा अगले दिन 30 अप्रैल 2025, बुधवार को दोपहर 02:12 बजे समाप्त होगी। ऐसे में परशुराम जयंती का पर्व देशभर में 29 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा।
29 अप्रैल 2025 का शुभ दिन
- सूर्योदय- 5:58 बजे
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक
- अमृत काल- शाम 04:39 बजे से शाम 06:04 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः: 04:21 से 05:09 मिनट तक
परशुराम जयंती पूजा विधि
- परशुराम जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनें।
- घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।
- मंदिर में एक चौकी रखें. चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर विष्णु जी और परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करें।
- परशुराम जी को फल, फूल, चावल, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं और देवताओं की आरती करें।