XPO.RU नाम की एक फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल करके देशभर में 3.22 लाख लोगों से ₹3,100 करोड़ की ठगी की गई है। भरतपुर पुलिस ने दुबई से चल रही इस सबसे बड़ी साइबर ठगी में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह साइट भारत में रजिस्टर्ड भी नहीं थी और कई पुलिस अधिकारी भी इसके शिकार हुए।
XPO.RU वेबसाइट के जरिए देशभर में तीन लाख बाईस हजार लोगों से ठगी की गई है। भरतपुर पुलिस ने राजस्थान की सबसे बड़ी ठगी का पर्दाफाश किया है। वेबसाइट चलाने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वेबसाइट दुबई से चल रही थी। कई पुलिस अधिकारी भी इस ठगी का शिकार हुए हैं। आरोपियों ने निवेश के नाम पर ₹3,100 करोड़ वसूले थे।
आईपीएस एएसपी सिटी पंकज यादव ने बताया कि भरतपुर पुलिस ने देश में चल रही एक बड़ी साइबर ठगी का भंडाफोड़ किया है। यह वेबसाइट XPO.RU नाम से चल रही थी जब वेबसाइट चेक की गई तो पता चला कि कंपनी इंडिया में कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं है। जब वेबसाइट का लाइसेंस चेक किया गया तो वह दूसरे देशों का दिखा।
वेबसाइट जयपुर में बनाई गई थी
इसके बाद पुलिस ने मथुरा गेट थाने में केस दर्ज किया। जांच करने पर इस वेबसाइट को चलाने वाले लोगों की पहचान हुई। वेबसाइट जयपुर में बनाई गई थी। इसे दिसंबर 2022 में लॉन्च किया गया था। इस वेबसाइट पर 474,000 लोग लॉग इन कर चुके हैं। 322,000 लोगों की KYC अप्रूव की गई। इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3,100 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए। लोगों ने इस वेबसाइट के ज़रिए इन्वेस्ट किया और उन्हें हर दूसरे महीने ब्याज के साथ पैसे का एक हिस्सा दिया गया।
इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3,100 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए
किसी नए व्यक्ति को जोड़ने पर इन्वेस्टमेंट पर 5 परसेंट कमीशन दिया जाएगा। वे इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से इकट्ठा किए गए पैसे को इधर-उधर कर रहे थे। जब तक लोग जुड़ते रहे, पैसा आता रहा। 3100 करोड़ रुपए में से 1000 करोड़ रुपए लोगों को वापस कर दिए गए। लोग इस वेबसाइट से जुड़ते रहे। इन्वेस्टमेंट के लिए कैश लिया गया। कैश इकट्ठा करने के लिए एजेंट थे। एजेंट कैश इकट्ठा करके XPO के वॉलेट में जमा करते थे।
कई लग्जरी कारें और कैश बरामद
मुख्य आरोपी संदीप शिखर की पहचान हो गई है। उसने ही यह वेबसाइट बनाई थी। संदीप की तलाश जारी है। अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। अब तक 40 लाख रुपए कैश, 43 हजार डॉलर क्रिप्टोकरेंसी और 3 करोड़ रुपए की पांच लग्जरी कारें (एक मर्सिडीज, एक फॉर्च्यूनर, एक SUV, दो स्कॉर्पियो) जब्त की गई हैं।
मास्टरमाइंड पहले एक छोटी मार्केटिंग कंपनी चलाता था
संदीप तीन साल पहले तक जयपुर में एक मार्केटिंग कंपनी चलाता था। उसके बाद उसने एक छोटी इन्वेस्टमेंट कंपनी चलाना शुरू कर दिया। उसने 5 से 6 महीने चलाने के लिए XPO बनाया। जैसे-जैसे वेबसाइट की पॉपुलैरिटी बढ़ी और लोगों का भरोसा बढ़ा, संदीप इसे चलाता रहा। वेबसाइट पर दावा किया गया कि रशियन इन्वेस्टर पैसा लगा रहे थे, लेकिन ऐसा कोई एक्सपर्ट मौजूद नहीं था।
साइट दुबई से ऑपरेट होती थी
वेबसाइट पर आने वाले सभी विज़िटर इंडिया से थे। कोई विदेशी नागरिक शामिल नहीं था। संदीप पिछले 4 महीनों से दुबई से वेबसाइट ऑपरेट कर रहा था। कई पुलिस अधिकारियों ने वेबसाइट पर इन्वेस्ट किया था। हालांकि, अभी तक किसी सीनियर पुलिस अधिकारी का नाम नहीं लिया गया है। इस मामले में ज़ब्त की गई प्रॉपर्टी से इन्वेस्टर का पैसा वापस किया जाएगा। वेबसाइट को करीब 10 लोग ऑपरेट कर रहे थे।
हर महीने ₹1 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी
इस मामले में अतुल शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। वह भरतपुर, भुसावर का रहने वाला है। एक और आरोपी राकेश पांडे कैश कलेक्टर का काम करता था और अतुल को पैसे देता था। अतुल ₹1 करोड़ (लगभग $10 मिलियन USD) की क्रिप्टोकरेंसी मूव कर रहा था। उसने पिछले छह महीनों में ₹6 करोड़ (लगभग $10 मिलियन USD USD USD) मूव किए हैं।








