बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री नफीसा अली हमेशा से ही अपनी दमदार एक्टिंग और सादगी के लिए पहचानी जाती रही हैं। मेजर साहब जैसी फिल्मों में उन्होंने अमिताभ बच्चन और अजय देवगन जैसे सितारों के साथ स्क्रीन शेयर की और अपनी अलग पहचान बनाई। लेकिन आज वही नफीसा अली रील लाइफ की चकाचौंध से कोसों दूर असल जिंदगी की सबसे बड़ी जंग लड़ रही हैं। हाल ही में नफीसा अली ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए बताया कि उन्हें स्टेज 4 कैंसर का पता चला है। इस खबर ने उनके प्रशंसकों को चौंका दिया है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब नफीसा कैंसर से जूझ रही हों। इससे पहले भी वह पेरिटोनियम कैंसर और ओवरी कैंसर से जूझ चुकी हैं और उस समय इलाज के बाद ठीक हो गई थीं। इस बार कैंसर के चौथे चरण का सामना कर रही नफीसा अली अपने साहस से लोगों को प्रेरित कर रही हैं। पेरिटोनियल कैंसर के बारे में बहुत कम लोगों ने सुना है, तो आइए इस लेख में आपको बताते हैं कि पेरिटोनियल कैंसर आखिर क्या है और यह कैसे होता है?
पेरिटोनियम क्या है?
पेरिटोनियम उदर के अंदर एक पतली झिल्ली होती है जो आंतों, आमाशय, यकृत और अन्य अंगों को ढकती है और उनकी रक्षा करती है। यह अंगों को ठीक से चलने और सुचारू रूप से काम करने में मदद करती है।
पेरिटोनियम कैंसर क्या है?
पेरिटोनियल कैंसर एक अत्यंत दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो आमाशय की परत में होता है। इस झिल्ली को पेरिटोनियम कहते हैं और पेरिटोनियम उदर के विभिन्न अंगों को ढककर उनकी रक्षा करता है और एक तरल पदार्थ बनाता है, जो सभी अंगों को ठीक से चलने और सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। पेरिटोनियल कैंसर दो प्रकार का होता है।
प्राथमिक पेरिटोनियम कैंसर
कैंसर सीधे पेरिटोनियम में शुरू होता है। यह डिम्बग्रंथि के कैंसर से काफी मिलता-जुलता है और ज्यादातर महिलाओं में पाया जाता है।
द्वितीयक पेरिटोनियम कैंसर
जब शरीर के किसी अन्य अंग (जैसे अंडाशय, आमाशय, बृहदान्त्र, अपेंडिक्स) में बना कैंसर पेरिटोनियम में फैल जाता है।
पेरिटोनियम कैंसर खतरनाक क्यों है?
पेरिटोनियम कैंसर का शुरुआती चरणों में आसानी से पता नहीं चलता, क्योंकि इसके लक्षण साधारण पाचन समस्याओं जैसे लगते हैं। जिन्हें अक्सर लोग गैस, एसिडिटी या सामान्य पेट की समस्या समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही वजह है कि ज़्यादातर मामलों में यह कैंसर तीसरे या चौथे चरण में पहुँचने के बाद ही सामने आता है।
पेरिटोनियम कैंसर के लक्षण
लगातार पेट फूलना, भूख न लगना और जल्दी पेट भर जाना, बिना किसी कारण के थकान, लगातार पेट दर्द या बेचैनी, पाचन संबंधी समस्याएँ, अचानक वज़न कम होना, पेट फूलना
किसे ज़्यादा ख़तरा है?
डिम्बग्रंथि या स्तन कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं में। असंतुलित आहार, मोटापा और धूम्रपान, बढ़ती उम्र और हार्मोनल असंतुलन।
चरण 4 पेरिटोनियल कैंसर के लक्षण
पेट दर्द और सूजन
खाद्य समस्या
मूत्र रुकावट
उल्टी
क्या पेरिटोनियल कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है?
पेरिटोनियल कैंसर को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, क्योंकि इसके सटीक कारणों को अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। लेकिन उचित जीवनशैली, समय-समय पर जांच और जोखिम कारकों पर ध्यान देकर इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।