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8th Pay Commission के लिए करना होगा और कितना इंतजार? बदल जाएगी सैलरी स्ट्रक्चर

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देशभर के 35 लाख से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 67 लाख पेंशनर्स इस समय 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर दिन इससे जुड़ी कोई न कोई चर्चा मीडिया या सोशल मीडिया में देखने को मिल रही है। सभी की नजरें सरकार पर टिकी हैं कि आखिरकार केंद्र सरकार कब इसका गठन करेगी और कब नई सिफारिशें लागू होंगी। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

7वें वेतन आयोग के बाद अब बारी 8वें की

गौरतलब है कि 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था, जिसकी घोषणा दो साल पहले फरवरी 2014 में की गई थी। इसी क्रम को देखते हुए यह माना जा रहा था कि 8वें वेतन आयोग का गठन 2024-25 के बीच किया जा सकता है ताकि इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सके।

हालांकि, अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच चिंता और अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। कई कर्मचारी यूनियनों ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू करें ताकि समय पर वेतन में संशोधन लागू किया जा सके।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और क्यों है ये अहम?

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर निर्भर करता है। यह वह गुणांक होता है जिसके जरिए कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि की जाती है।

  • 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था।

  • 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, और न्यूनतम वेतन ₹2,750 से ₹7,000 कर दिया गया था।

अब चर्चा है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है। अगर 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो अनुमान है कि न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹51,000 से ज्यादा हो सकती है। यानी, वेतन में एक बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।

पेंशनर्स को क्या मिलेगा लाभ?

वेतन आयोग केवल वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ही नहीं होता, बल्कि पेंशनर्स के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। देशभर में 67 लाख से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं। पिछले वेतन आयोगों में पेंशन पुनर्गठन (Pension Revision) को शामिल किया गया था, और इस बार भी ऐसे ही सुधार की उम्मीद है।

अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो इसका सीधा असर पेंशन पर भी पड़ेगा, जिससे पेंशनर्स की मासिक आय में इजाफा होगा और वे बढ़ती महंगाई के बीच थोड़ा राहत महसूस कर सकेंगे।

क्यों बढ़ रही है देरी?

हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वित्तीय भार, महंगाई की स्थिति और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए सरकार सावधानी बरत रही है। वहीं, कई यूनियनों का मानना है कि सरकार जानबूझकर इस प्रक्रिया में देरी कर रही है, जबकि यह कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में नहीं है।

कर्मचारियों की मांग और संभावनाएं

कई कर्मचारी संगठनों ने यह भी मांग रखी है कि फिटमेंट फैक्टर 3.68 रखा जाए ताकि न्यूनतम वेतन ₹26,000 से ₹27,000 के बीच तय किया जा सके। हालांकि, यह काफी ऊंची मांग है और सरकार के लिए इसे तुरंत मानना आसान नहीं होगा।

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग को लेकर लाखों लोगों को आशा है कि सरकार जल्दी कोई सकारात्मक फैसला लेगी। हालांकि, अभी तक स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यदि यह आयोग 2025 में गठित होता है, तो इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।

कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यह न सिर्फ आर्थिक राहत का विषय है, बल्कि यह उनके जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक अहम कदम भी साबित हो सकता है।

अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार पर हैं – क्या आएगा 8वां वेतन आयोग समय पर? या इंतजार और बढ़ेगा?

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