देशभर के 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स इस समय 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा और उसकी प्रक्रिया को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं। मौजूदा 7वें वेतन आयोग की जगह लेने वाला यह नया वेतन आयोग लंबे समय से चर्चा में है, लेकिन अब तक इसकी औपचारिक अधिसूचना और पैनल का गठन नहीं हुआ है। हालांकि जनवरी 2025 में इसके गठन की घोषणा की गई थी।
इस बीच एक बड़ा मुद्दा कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच जोर पकड़ रहा है — क्या सरकार डीए (महंगाई भत्ता) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने जा रही है? अगर ऐसा होता है, तो इसका सीधा असर मासिक वेतन और रिटायरमेंट लाभ पर पड़ सकता है।
55 फीसदी हो गया है डीए
हाल ही में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में 2 प्रतिशत की वृद्धि की थी, जिससे अब डीए 55 फीसदी तक पहुंच गया है। यानी अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो 55% डीए जोड़ने के बाद वह राशि 27,900 रुपए हो जाती है। अब यही बात चर्चा का विषय है कि अगर सरकार इस पूरे डीए को बेसिक वेतन में मिला देती है, तो अगला वेतन आयोग उसी के आधार पर सैलरी में बढ़ोतरी की सिफारिश करेगा।
कैसे बदल सकता है फिटमेंट फैक्टर?
वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है फिटमेंट फैक्टर। पिछले यानी 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके आधार पर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी थी। अब चर्चा है कि 8वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच में हो सकता है।
अगर सरकार डीए को मूल वेतन में मर्ज करती है और फिर उसी पर फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो इससे कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी छलांग लग सकती है। उदाहरण के तौर पर:
-
यदि बेसिक सैलरी (DA जोड़कर) = ₹27,900
-
फिटमेंट फैक्टर 2.57 होने पर सैलरी = ₹27,900 × 2.57 = ₹71,703
-
फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने पर सैलरी = ₹27,900 × 2.86 = ₹79,794
क्यों किया जाता है डीए मर्ज?
इतिहास देखें तो हर वेतन आयोग से पहले मौजूदा डीए को बेसिक वेतन में शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए ताकि भविष्य की वेतन संरचना उसी के अनुरूप तय की जा सके। इसके दो फायदे होते हैं:
-
बेसिक सैलरी बढ़ जाती है, जिससे अन्य भत्ते (जैसे HRA, TA) भी उसी के अनुपात में बढ़ते हैं।
-
रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना उच्च राशि के आधार पर होती है, जिससे पेंशनर्स को बड़ा लाभ मिलता है।
अभी क्या स्थिति है?
फिलहाल सरकार ने 8वें वेतन आयोग की केवल घोषणा की है। कोई पैनल नहीं बना है, न ही टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) जारी हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार इस पर कदम उठा सकती है।
राजनीतिक पहलू भी अहम है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों की बड़ी संख्या वोट बैंक का भी हिस्सा है। इसलिए यह संभावना भी जताई जा रही है कि 2026 से पहले आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी जाए।
कर्मचारियों की क्या मांगें हैं?
-
DA को जल्द मर्ज किया जाए ताकि नए वेतन की गणना उसी पर हो
-
फिटमेंट फैक्टर कम से कम 3 गुना हो
-
मिनिमम वेतन ₹26,000 या उससे अधिक किया जाए
-
नई पेंशन स्कीम (NPS) को हटाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए
क्या होगा असर?
यदि सरकार DA को मर्ज करके फिटमेंट फैक्टर लागू करती है तो:
-
कर्मचारियों की मासिक सैलरी में 30-40% की वृद्धि हो सकती है
-
रिटायरमेंट के लाभ जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, लीव इनकैशमेंट भी बढ़ेंगे
-
राजकोषीय बोझ सरकार पर जरूर बढ़ेगा, लेकिन यह आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार जल्द पैनल का गठन करेगी। लेकिन उससे पहले DA को बेसिक सैलरी में जोड़ने की चर्चा कर्मचारियों में नई ऊर्जा भर रही है। अगर सरकार यह कदम उठाती है तो यह सैलरी स्ट्रक्चर में एक बड़ा बदलाव होगा।