मोदी सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच उत्सुकता चरम पर है। लगभग 1.2 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर यह जानना चाहते हैं कि आखिर उनकी सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा होने वाला है। इस पूरी चर्चा के केंद्र में है—फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर फॉर्मूला होता है, जिसकी मदद से वेतन आयोग यह तय करता है कि नए वेतनमान में बेसिक सैलरी कितनी होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो नई सैलरी ₹18,000 x 2.57 = ₹46,260 हो जाएगी। यानी, जितना अधिक फिटमेंट फैक्टर होगा, सैलरी उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी।
8वें वेतन आयोग की तैयारी और ToR
सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि जल्द ही 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) जारी किए जाएंगे। इसके बाद आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। बीते महीने वित्त मंत्रालय की ओर से दो सर्कुलर जारी किए गए थे, जिसमें बताया गया कि वेतन आयोग के लिए 40 अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिनमें से अधिकतर पद डेप्युटेशन के जरिए भरे जाएंगे।
कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर?
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, कई कर्मचारी संगठनों ने 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग की है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में अच्छा-खासा इजाफा हो सकता है। लेकिन जानकारों का मानना है कि यह मांग व्यावहारिक नहीं है।
पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग का कहना है कि 2.86 जैसे हाई फैक्टर को स्वीकार करना सरकार के लिए मुश्किल होगा। उनका सुझाव है कि 1.92 का फिटमेंट फैक्टर अधिक यथार्थवादी विकल्प हो सकता है।
अगर 1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो?
अगर सरकार 1.92 का फिटमेंट फैक्टर अपनाती है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो सकती है। यानी लगभग 16,560 रुपये की बढ़ोतरी। हालांकि, इसमें से एक बड़ा हिस्सा महंगाई भत्ते (DA) को समायोजित करने में चला जाएगा। असल बढ़ोतरी इससे थोड़ी कम ही मानी जाएगी।
पिछली वेतन आयोगों से तुलना
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6वां वेतन आयोग (2006): फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन सैलरी में औसतन 54% की बढ़ोतरी देखने को मिली।
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7वां वेतन आयोग (2016): फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया, लेकिन वास्तविक सैलरी बढ़ोतरी 14.2% ही रही क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा DA एडजस्टमेंट में चला गया।
यानी, केवल फिटमेंट फैक्टर का आंकड़ा देखकर सैलरी में सीधे बढ़ोतरी का अनुमान लगाना सही नहीं है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें
सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार की सिफारिशें उनकी मौजूदा वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की जाएंगी। महंगाई, जीवन यापन की लागत और परिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए कर्मचारियों को एक उचित और संतुलित वृद्धि की अपेक्षा है।
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आने वाले महीनों में इससे जुड़ी और भी महत्वपूर्ण घोषणाएं सामने आ सकती हैं। फिटमेंट फैक्टर पर अंतिम फैसला अभी आना बाकी है, लेकिन यह तय है कि यह सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में एक नई दिशा देगा।
भविष्य में सरकार यदि 1.92 से अधिक फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है, तो यह एक बड़ी राहत होगी। लेकिन यह फैसला आर्थिक हालात, बजट सीमाएं और राजकोषीय जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा। जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कर्मचारियों को संयम और उम्मीद दोनों के साथ इंतजार करना होगा।