बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक इस बजट में मध्यम वर्ग, एमएसएमई और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते इस्तेमाल से प्रभावित कर्मचारियों को भी राहत मिलने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार सरकार 10 से 15 लाख रुपये सालाना कमाने वाले कर्मचारियों को टैक्स में राहत दे सकती है।
मध्यम वर्ग को मिलेगी टैक्स में राहत
सरकार इस बार 10 से 15 लाख रुपये सालाना आय वाले नागरिकों को टैक्स में बड़ी छूट दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक इससे मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने के लिए अहम फैसले हो सकते हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय का मानना है कि टैक्स में छूट से ग्राहकों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही यह आर्थिक विकास के लिए भी काफी जरूरी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और एमएसएमई को मिलेगा प्रोत्साहन
सूत्रों के मुताबिक बजट 2025 में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और एमएसएमई को भी खास प्राथमिकता दी जाएगी। रेलवे, सड़क निर्माण, शहरी विकास और बिजली जैसे सेक्टर में भारी निवेश की योजना है। साथ ही होटल, निर्माण और रियल एस्टेट जैसे उद्योगों को कर में छूट देने पर विचार किया जा रहा है। इन प्रयासों से रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
AI के कारण नौकरियों पर क्या संकट आएगा?
AI के बढ़ते इस्तेमाल के कारण नौकरियों पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए सरकार इस क्षेत्र में भी राहत देने की योजना बना रही है। AI के कारण नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के लिए विशेष लाभ की घोषणा की जा सकती है और भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सकता है।
UPA और NDA के विकास की तुलना
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय 1,430 रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 4,122 रुपये हो गया है। शहरी क्षेत्रों में यह 2,630 रुपये से बढ़कर 6,996 रुपये हो गया है। बजट 2025 का उद्देश्य विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। बजट 2025 जो दिल्ली चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाएगा। इस पर पूरे देश की नजर है। सरकार इस बजट से हर वर्ग को खुश करने की कोशिश करेगी।