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ओह नो! WhatsApp यूजर्स पर मंडरा रहा Zero-Click Hacking का खतरा, जानिए क्या है ये बाला और इससे कैसे बचे ?

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टेक न्यूज़ डेस्क – भारत में WhatsApp के लाखों यूजर हैं, जो मैसेजिंग के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में स्कैमर्स आए दिन इसे निशाना बनाते रहते हैं। इसी सिलसिले में स्कैमर्स साइबर अटैक के लिए एक नई तकनीक लेकर आए हैं, जिसे जीरो-क्लिक हैक कहा जा रहा है। WhatsApp की पैरेंट कंपनी मेटा ने हाल ही में एक गंभीर साइबर अटैक की जानकारी दी है, जिसमें इजरायली स्पाइवेयर कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस कई यूजर्स पर अटैक कर रही है। इस साइबर अटैक में पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों को निशाना बनाया गया है। WhatsApp के अधिकारियों ने बताया कि जीरो-क्लिक हैक तकनीक का इस्तेमाल कर करीब 90 यूजर्स को हैक करने की कोशिश की गई है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

क्या है जीरो-क्लिक हैक?
जीरो-क्लिक हैक एक आधुनिक साइबर अटैक है, जिसमें यूजर को किसी लिंक पर क्लिक करने, फाइल डाउनलोड करने या कोई अटैचमेंट खोलने की जरूरत नहीं होती। इस तकनीक में हैकर्स सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का फायदा उठाकर डिवाइस को प्रभावित कर सकते हैं। जीरो-क्लिक हैक आपके डिवाइस में स्पाइवेयर इंस्टॉल कर सकता है, जिससे हैकर्स यूजर की एक्टिविटी पर नजर रख सकते हैं। इसकी मदद से हैकर्स बैंकिंग डिटेल्स, निजी मैसेज, कॉल रिकॉर्ड आदि एक्सेस कर सकते हैं। इसके साथ ही इसकी मदद से स्कैमर्स आपके डिवाइस पर कंट्रोल पा सकते हैं। और स्मार्टफोन या लैपटॉप को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है।

हैक कैसे काम करता है?
इसकी मदद से हैकर्स सबसे पहले किसी ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप या मैसेजिंग सर्विस में किसी अनजान सुरक्षा खामी (जीरो-डे वल्नरेबिलिटी) की तलाश करते हैं। इसके बाद वे एक खास कोड या डेटा पैकेट तैयार करते हैं, जिससे डिवाइस की सुरक्षा में सेंध लगाई जा सकती है। यह कोड किसी इमेज, टेक्स्ट मैसेज या साइलेंट कॉल में छिपा हो सकता है। इसके बाद यह दुर्भावनापूर्ण डेटा लक्षित व्यक्ति के डिवाइस पर भेज दिया जाता है। डिवाइस इस डेटा को खुद ही प्रोसेस कर लेती है, जिससे हैकर्स को सिस्टम में घुसने का मौका मिल जाता है और यूजर को इसकी भनक तक नहीं लगती।

व्हाट्सएप क्या कर रहा है?
व्हाट्सएप ने कहा कि उसने इस हैकिंग की कोशिश को नाकाम कर दिया है और प्रभावित यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। हालांकि, मेटा ने बताया कि 24 से ज्यादा देशों के यूजर्स को निशाना बनाया गया, जिनमें यूरोप के कई देश भी शामिल हैं। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि हम लोगों की निजी बातचीत की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इस तरह के साइबर हमलों के खिलाफ सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत कर रहे हैं।

उपयोगकर्ता खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें।
अज्ञात स्रोतों से लिंक या मीडिया फ़ाइलों से बचें।
व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप की सुरक्षा सेटिंग्स को मजबूत करें।
डिवाइस में एंटीवायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।
अगर कोई असामान्य गतिविधि दिखती है, तो तुरंत सुरक्षा विशेषज्ञों से संपर्क करें।

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