‘शार्क टैंक इंडिया’ के चौथे सीजन में एक के बाद एक संस्थापक अनोखे और बेहतरीन उत्पाद लेकर आ रहे हैं। अब ताजा कड़ी में गुजरात के वडोदरा निवासी नैतिक चोटाई द्वारा शुरू किया गया स्टार्टअप ‘फंडुलैब्स’ चर्चा में आया। यह स्टार्टअप बच्चों के लिए सुरक्षित और रचनात्मक खिलौने बनाने में माहिर है। इस बार शो में एक छोटी बच्ची ने न सिर्फ अपने आत्मविश्वास से सबको हैरान किया, बल्कि अपने डेमो से जजों का दिल भी जीत लिया।
बच्चों के लिए बढ़िया खिलौने
फंडुलैब्स का लक्ष्य बच्चों के लिए विज्ञान और रचनात्मकता को मनोरंजक बनाना है। नैतिक चोटाई का मानना है कि बच्चों को खेलने के लिए सिर्फ खिलौनों की ही जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसे उपकरणों की भी जरूरत है जो उनकी सोच, रचनात्मकता और जिज्ञासा को बढ़ावा दें। फंडुलैब्स द्वारा तैयार उत्पाद, जैसे कि स्लाइम, स्क्विशीज़ और बर्फ बनाने वाली किटें, विशेष रूप से 3 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए डिज़ाइन की गई हैं। इनमें कोई हानिकारक तत्व नहीं हैं और ये पूरी तरह सुरक्षित हैं। नैतिक का मानना है कि इन खिलौनों के माध्यम से बच्चे अपनी रचनात्मकता को नए तरीके से उजागर कर सकते हैं।
प्रियांशी ने दिया लाइव डेमो
शो के दौरान नैतिक की बेटी प्रियांशी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ लाइव डेमो प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों के साथ-साथ दर्शकों का भी दिल जीत लिया। प्रियांशी पिछले 5 वर्षों से अपने पिता के साथ इस व्यवसाय में मदद कर रही हैं। वह नये उत्पादों का परीक्षण करती है और अपने दोस्तों से फीडबैक लेकर अपने पिता को देती है। इस बार प्रियांशी के डेमो ने सभी शार्कों को इतना प्रभावित किया कि वे आश्चर्यचकित हो गए। अनुपम मित्तल ने तो नैतिक को ‘बिना दाढ़ी वाला असली सांता क्लॉज’ तक कह दिया।
व्यवसाय की शुरुआत और सफलता
नैतिक ने अपना कारोबार करीब 30 लाख रुपये की पूंजी से शुरू किया था। उन्होंने पहले कैंडी और गैलेक्सी स्लाइम किट बनाए और फिर उन्हें छोटे खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से बेचना शुरू किया। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, उन्होंने 14 और नए उत्पाद बनाए, जो बहुत तेजी से बिकने लगे। अब उनकी कंपनी 25 वितरकों के माध्यम से लगभग 3000 खुदरा स्टोरों में अपने उत्पाद बेच रही है। उनकी कंपनी ने 2021-22 में 5 लाख रुपये की बिक्री की और 2023-24 में 1.5 करोड़ रुपये की बिक्री तक पहुंच गई।
66 लाख रुपये का वित्तपोषण
शार्क टैंक इंडिया के इस एपिसोड में नैतिक ने 60 लाख रुपये के निवेश की मांग की, बदले में उन्होंने 4% इक्विटी देने का प्रस्ताव रखा। काफी सौदेबाजी के बाद शार्क्स ने 66 लाख रुपये का वित्तपोषण देने का प्रस्ताव रखा तथा बदले में 7% इक्विटी की मांग की। नैतिक का लक्ष्य 2030 तक अपनी कंपनी को 200 करोड़ रुपये के कारोबार में बदलना है। उनका मानना है कि उनका व्यवसाय बच्चों को सीखने और नई चीजें खोजने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।