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सच या झूठ? क्या रोजाना मेकअप से स्किन होती है खराब? जानें मेकअप और ब्यूटी से जुड़े 7 ऐसे मिथक जो कम लोगों को है पता

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मेकअप और त्वचा की देखभाल के बारे में कई गलत धारणाएं और मिथक हैं। इनमें से कुछ बातें सच हैं, जबकि कुछ महज अफवाहें हैं। अक्सर लोग मानते हैं कि रोजाना मेकअप करने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है या फिर प्राकृतिक उत्पाद हमेशा बाजार के उत्पादों से बेहतर होते हैं, लेकिन इस लेख में हम आपको बताते हैं कि इन बातों में कितनी सच्चाई है। सुंदरता और मेकअप के बारे में हर किसी की अपनी राय होती है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि बहुत अधिक मेकअप करने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है, जबकि कुछ का मानना ​​है कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित होते हैं। लेकिन क्या ये सारी बातें सच हैं?

अगर आप भी हर मेकअप और ब्यूटी टिप को सच मानती हैं, तो अब समय आ गया है इन मिथकों की हकीकत जानने का। आज हम आपको मेकअप और स्किन केयर से जुड़े 7 बड़े मिथकों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को सही जानकारी है।

मिथक: रोजाना मेकअप करने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है और समय से पहले झुर्रियां पड़ जाती हैं।

सच्चाई: मेकअप त्वचा को तभी नुकसान पहुंचाता है जब आप घटिया क्वालिटी के उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं या मेकअप को ठीक से नहीं हटाते। यदि आप अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग करते हैं और रोजाना मेकअप हटाकर स्किनकेयर रूटीन का पालन करते हैं, तो आपकी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचता है।

मिथक: प्राकृतिक उत्पाद हमेशा त्वचा के लिए बेहतर होते हैं।

सच्चाई: प्राकृतिक चीजें जैसे हल्दी, एलोवेरा, दही आदि हमेशा त्वचा के लिए अच्छी होती हैं और केमिकल युक्त उत्पाद नुकसान पहुंचाते हैं। हालाँकि, यह पूरी तरह सही नहीं है। कुछ प्राकृतिक चीजें हर प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं और इनसे एलर्जी या प्रतिक्रिया हो सकती है। साथ ही, त्वचाविज्ञान द्वारा परीक्षण किये गए रसायन आधारित उत्पाद अक्सर अधिक सुरक्षित और प्रभावी साबित होते हैं।

मिथक: सनस्क्रीन केवल धूप में बाहर जाते समय ही लगाना चाहिए।

सत्य: यह पूर्णतः गलत है। यूवी किरणें बादल वाले दिन और घर के अंदर भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए, हर दिन सनस्क्रीन लगाना महत्वपूर्ण है, यहां तक ​​कि घर के अंदर भी।

मिथक: अधिक पानी पीने से त्वचा चमकती है।
सच्चाई: लोग अक्सर कहते हैं कि अगर आप दिन में 8-10 गिलास पानी पीते हैं, तो आपकी त्वचा अपने आप चमकने लगेगी। दरअसल, पानी पीना त्वचा के लिए फायदेमंद जरूर है, लेकिन सिर्फ पानी पीने से चमक नहीं आती। स्वस्थ आहार, मॉइस्चराइज़र, उचित त्वचा देखभाल और जीवनशैली का सही मिश्रण आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

मिथक: महंगे सौंदर्य उत्पाद हमेशा बेहतर होते हैं।

सत्य: यह हमेशा सत्य नहीं होता। किसी उत्पाद की कीमत से अधिक महत्वपूर्ण उसकी गुणवत्ता और उसमें प्रयुक्त सामग्री है। कई बजट-फ्रेंडली ब्रांड भी बेहतरीन परिणाम देते हैं, जबकि कई महंगे उत्पाद आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं होते।

मिथक: हर प्रकार की त्वचा के लिए एक ही प्रकार का मॉइस्चराइज़र उपयुक्त होता है।

सच्चाई: कई लोग मानते हैं कि तैलीय त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन यह सच नहीं है। यदि त्वचा को उचित जलयोजन नहीं मिलता तो त्वचा स्वयं अधिक तेल का उत्पादन करने लगती है। इससे पिंपल्स और ब्रेकआउट की समस्या बढ़ सकती है। दरअसल, तैलीय त्वचा वाले लोग भी मॉइस्चराइज़र का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए हल्के, जेल-आधारित और तेल-मुक्त मॉइस्चराइज़र सर्वोत्तम हैं, जो त्वचा को हाइड्रेटेड रखते हैं और अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करते हैं।

मिथक: कंसीलर केवल दाग-धब्बे छिपाने के लिए होता है।
सच्चाई: कंसीलर न केवल दाग-धब्बे या काले घेरे छिपाने के लिए फायदेमंद है, बल्कि कई अन्य तरीकों से भी फायदेमंद है। यह चेहरे की लालिमा, काले धब्बे और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने में मदद करता है। हल्के शेड का कंसीलर लगाने से चेहरा हाइलाइट होता है और त्वचा को प्राकृतिक चमक मिलती है। इसके अलावा कंसीलर को आईशैडो प्राइमर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे आईशैडो लंबे समय तक टिका रहता है और बेहतर फिनिश मिलती है।

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