ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर कई महिला केंद्रित फिल्में और सीरीज उपलब्ध हैं। बॉलीवुड में कई बार हमने महिलाओं की वह छवि देखी है, जिसके आगे न सिर्फ पुरुषों ने सिर झुकाया है, बल्कि दूसरी महिलाओं ने भी उनसे प्रेरणा ली है। कई फिल्मों और सीरीज में महिलाओं ने ऐसी लड़ाई लड़ी है, जिससे समाज में भी सुधार आया है। आइए जानते हैं उन 5 फिल्मों और सीरीज के नाम, जिन्हें आप महिला दिवस पर नेटफ्लिक्स पर देखकर चिल कर सकते हैं।
लापाटा लेडीज़
‘लपता लेडीज़’ में माजू मे ने कई लोगों को प्रेरित किया है। एक ऐसा किरदार जो कहने को तो एक गौण भूमिका है, लेकिन सबसे बड़ी सीख देता है। अकेली रहने वाली यह दादी जब बताती है कि उसने अपने पति और बच्चों को इसलिए भगा दिया क्योंकि वो लोग उसकी कमाई पर उसे मारते थे और कहते थे कि जिससे वो प्यार करती है उसे उसे मारने का अधिकार है, तो एक दिन उसने भी अपना अधिकार दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुझे यह भी एहसास दिलाया कि खुद के साथ खुशी से रहना बहुत मुश्किल है, लेकिन एक बार जब आप यह सीख जाते हैं, तो कोई भी आपको चोट नहीं पहुंचा सकता।
हीरामंडी
‘हीरा मंडी’ तवायफों की कहानी थी, लेकिन देश की आजादी में इन तवायफों का क्या योगदान है, यह लोग इस सीरीज के बाद ही जान पाए हैं। बिब्बोजान ने बताया है कि बगावत ऐच्छिक नहीं बल्कि अनिवार्य है, जब देश जल रहा हो तो सजी-धजी महफिल में नहीं बैठा जाता। मुजरा वाली ने सभी को देहाती बनने पर मजबूर कर दिया। बिब्बोजान ने दिलों में आजादी की ऐसी आग जलाई कि हीरामंडी न तो अंग्रेजों की गुलाम बनी और न ही नवाबों की।
दो पट्टी
Though the scene carries a humorous tone, the moment Keerthi finally reveals her true self – a skilled fighter with short hair, is truly a delight. As her hair extension falls, so do the expectations she once carried- for her husband, and for society. pic.twitter.com/aTMdoRXf28
— Netflix India (@NetflixIndia) March 7, 2025
दो जुड़वां बहनों की इस कहानी में घरेलू दुर्व्यवहार को दर्शाया गया है। हालांकि सौम्या और शैली अपनी मां की मौत के बाद दुश्मन बन गईं, लेकिन एक बहन अपनी दूसरी बहन के साथ ऐसा होते हुए नहीं देख सकती थी। इसके बाद, यह कैसे संभव है कि हुकुम के इक्के को हराने के लिए ड्यूस के दो पत्ते ही पर्याप्त हैं? उन्हें इस फिल्म में दिखाया गया है।
गंगूबाई काठियावाड़ी
Gangubai’s words are a declaration of strength. She lays down three unwavering truths for the women of Kathiawadi—reminding them that dignity is non-negotiable. No matter the world’s gaze, they must never settle for anything less than respect. pic.twitter.com/Gg9JVIoBE4
— Netflix India (@NetflixIndia) March 7, 2025
‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में दिखी ताकत. वह एक ऐसी शक्ति हैं जो महिलाओं को तीन सत्य बताती हैं। वह कहती हैं कि भले ही दुनिया उन्हें बेईमान कहे, लेकिन उन्हें यह बेईमानी का काम पूरी ईमानदारी से करना है। दूसरा, काम के बदले पैसा, क्योंकि वे भी प्रगति चाहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सम्मान के साथ जियें और किसी से न डरें। वह उन्हें याद दिलाती हैं कि गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता। दुनिया का नजरिया चाहे जो भी हो, उन्हें सम्मान से कम किसी चीज पर कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
धूम धाम
Aimee decides that ‘it’s just a stupid bus’. She’s not going to let one incident ruin her daily commute for her. But her friends decide that she doesn’t have to do it alone ❤️ pic.twitter.com/aELEFd4oz8
— Netflix India (@NetflixIndia) March 7, 2025
Aimee decides that ‘it’s just a stupid bus’. She’s not going to let one incident ruin her daily commute for her. But her friends decide that she doesn’t have to do it alone ❤️ pic.twitter.com/aELEFd4oz8
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‘धूम धाम’ में यामी गौतम ने एक मस्त लड़की का किरदार निभाया है। उनका एकालाप वायरल हो गया है, जिसमें वह बताती हैं कि लड़की होना कितना कठिन है। पहले अपने माता-पिता के नियमों का पालन करें और फिर अपने पति के माता-पिता के नियमों का पालन करें। इस एकालाप में महिलाओं की हताशा साफ झलकती है और समझा जा सकता है कि किस तरह वे अपना पूरा जीवन घुटन की स्थिति में बिताती हैं।