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क्या ये है सबसे बड़ी मंदी की आहट? US मार्केट में गिरावट से एशियाई बाजारों में भी मचा हड़कंप

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क्या यह मंदी का संकेत है? अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट के बाद यह प्रश्न और अधिक प्रासंगिक हो गया है। जी हां, पिछले कारोबारी दिन अमेरिकी बाजार में इतनी उथल-पुथल रही कि डाऊ जोन्स और एसएंडपी-500 जैसे सूचकांक ध्वस्त हो गए। मंगलवार को एशियाई बाजार खुलते ही अमेरिकी बाजारों में तेज गिरावट का असर देखने को मिला और अधिकांश बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। खास बात यह है कि अमेरिकी शेयर बाजारों में यह 2 साल में सबसे बड़ी गिरावट है।

डौ जोन्स-1100, नैस्डैक 4% नीचे। अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट के कारण मंदी का साया एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। पिछले कारोबारी दिन कई प्रमुख वैश्विक कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, जिनमें टेस्ला के शेयर भी शामिल हैं (टेस्ला के शेयर में 15% की गिरावट)। डाऊ जोंस की हालत खराब दिखी और कारोबार के दौरान इसमें 1100 अंकों की गिरावट आई, हालांकि अंतत: सूचकांक 2.08% या 890 अंकों की गिरावट के साथ 41,911.71 पर बंद हुआ। डॉव जोन्स की तरह एसएंडपी-500 में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई और यह 155.64 अंक या 2.70% की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, नैस्डैक में बड़ी गिरावट देखी गई और यह 4% नीचे 17,468.32 पर बंद हुआ, जो सितंबर 2022 के बाद इस इंडेक्स में सबसे बड़ी गिरावट है।

इन बड़े शेयरों में आई गिरावट: अमेरिकी शेयर बाजार में आई इस भारी गिरावट के बीच सबसे ज्यादा गिरने वाले बड़े शेयरों की बात करें तो दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला के शेयर (Tesla stock) 15.43 फीसदी गिरकर 222.15 डॉलर पर बंद हुए। इसके अतिरिक्त, NVIDIA के शेयर 5.07% गिरकर 106.98 डॉलर पर बंद हुए। माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 3.34% की गिरावट आई, जबकि अमेज़न इंक के शेयरों में 2.36% और डेल्टा एयर लाइन्स के शेयरों में 5.54% की गिरावट आई।

एशियाई बाजार खुलते ही गिर गए; अमेरिकी बाजारों में उथल-पुथल का असर आज मंगलवार को एशियाई बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। यदि प्रमुख एशियाई बाजारों पर नजर डालें तो दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक खुलते ही करीब 2 प्रतिशत गिर गया, जबकि जापान का निक्केई सूचकांक भी 2 प्रतिशत से अधिक नीचे कारोबार कर रहा था। इसके अतिरिक्त, हांगकांग का हैंगसेंग भी शुरुआती कारोबार में तेजी के क्षेत्र में कारोबार कर रहा था।

अमेरिकी बाज़ार किस बात से डर रहे हैं? यहां यह चर्चा करना भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिकी शेयर बाजारों में क्या आशंकाएं हैं जिनके कारण वे गिरे हैं। तो आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने पहले ही दुनिया में हलचल मचा दी है और दुनिया में व्यापार युद्ध की शुरुआत कर दी है। एक तरफ अमेरिका कई देशों पर टैरिफ लगा रहा है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे देश भी अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में देश में महंगाई का डर मंडरा रहा है। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े 12 मार्च को जारी किये जायेंगे तथा उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) अगले ही दिन जारी किया जायेगा। कुल मिलाकर, टैरिफ, मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी की आशंकाएं बाजार पर हावी हैं।

अमेरिका से लेकर एशियाई बाजारों तक फैली इस घबराहट का असर भारतीय शेयर बाजार (Stock Market India) पर भी देखने को मिल सकता है। आखिरी कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स-निफ्टी भी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स अपने पिछले बंद स्तर 22,552 के मुकाबले 22,521 पर खुला और 217 अंक गिरकर 74,115.17 पर बंद हुआ। इसके अलावा एनएसई निफ्टी भी 92.20 अंक गिरकर 22,460 पर बंद हुआ।

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