Home टेक्नोलॉजी अमेरिका की खुफिया जानकारी हुई उजागर, आखिर कैसे Signal ऐप बना राष्ट्रीय...

अमेरिका की खुफिया जानकारी हुई उजागर, आखिर कैसे Signal ऐप बना राष्ट्रीय सुरक्षा संकट का कारण ?

17
0

यदि किसी देश की सबसे गुप्त सैन्य योजना गलती से लीक हो जाए तो क्या होगा? अमेरिका में भी एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया जब ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी सिग्नल ऐप पर सैन्य रणनीति पर चर्चा कर रहे थे लेकिन गलती से उन्होंने एक पत्रकार को ग्रुप में जोड़ लिया। इस एक छोटी सी गलती ने पूरे अमेरिका में हलचल मचा दी। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर खुली चर्चा सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या ऐसी गोपनीय बातचीत के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग करना वास्तव में सुरक्षित है?

सिग्नल ऐप कैसे बना अमेरिकी सुरक्षा विवाद का कारण

प्रसिद्ध एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल अमेरिका में एक बड़े सुरक्षा विवाद के केंद्र में आ गया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब पता चला कि ट्रंप प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारी सैन्य से जुड़े ऑपरेशनों पर चर्चा करने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। तभी गलती से इस ग्रुप चैट में एक पत्रकार को जोड़ दिया गया जिससे गुप्त सैन्य जानकारी लीक हो गई। यह घटना तब प्रकाश में आई जब अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने खुलासा किया कि उन्हें सिग्नल समूह में शामिल किया गया है, जहां हौथी विद्रोहियों पर हमले की योजना बनाई जा रही थी। इस खुलासे के बाद बड़ा सवाल यह उठा कि क्या सरकारी अधिकारियों को ऐसी संवेदनशील बातचीत के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप का इस्तेमाल करना चाहिए।

पत्रकार गलती से सिग्नल ग्रुप चैट में शामिल हो गया

गोल्डबर्ग के अनुसार, उन्हें 11 मार्च को ‘हौथी पीसी स्मॉल ग्रुप’ नामक सिग्नल चैट ग्रुप में आमंत्रित किया गया था। इस ग्रुप में तत्कालीन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और 18 अन्य अधिकारी शामिल थे। गोल्डबर्ग का दावा है कि इस समूह में अमेरिकी सेना के हवाई हमलों और रणनीतियों पर चर्चा की जा रही थी। हालाँकि, 24 मार्च को रक्षा सचिव हेगसेथ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई “युद्ध योजना” साझा नहीं की गई थी। लेकिन इस घटना के बाद सरकारी बातचीत की सुरक्षा और गोपनीयता पर बड़ी चर्चा शुरू हो गई है।

सिग्नल ऐप सुरक्षा और संभावित जोखिम

सिग्नल ऐप अपनी मजबूत सुरक्षा के लिए जाना जाता है। इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन है, इसलिए केवल प्रेषक और प्राप्तकर्ता ही संदेश पढ़ सकते हैं। यह ऐप व्हाट्सएप का बड़ा प्रतिस्पर्धी है और इसमें गायब होने वाले संदेश, सुरक्षित समूह चैट और ऑडियो-वीडियो कॉलिंग जैसी सुविधाएं हैं। लेकिन इस घोटाले से पता चला कि अगर कोई गलती से गलत व्यक्ति से जुड़ जाता है, तो महत्वपूर्ण जानकारी लीक हो सकती है। विशेषज्ञों को यह भी चिंता है कि ऐसे ऐप्स सरकारी नियमों को दरकिनार कर सकते हैं, क्योंकि इनसे भेजे गए संदेश सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होते।

सरकारी अधिकारियों के लिए सिग्नल का उपयोग कितना सुरक्षित है?

कई सरकारी अधिकारी और नेता निजी बातचीत के लिए सिग्नल जैसे सुरक्षित ऐप का उपयोग करते हैं। लेकिन इस घटना के बाद सरकारी कामकाज में ऐसे ऐप्स के इस्तेमाल पर सवाल उठने लगे हैं। अब अमेरिकी सरकार सिग्नल और इसी तरह के अन्य ऐप्स के इस्तेमाल की जांच करने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि महत्वपूर्ण काम करने के लिए ऐसे सुरक्षित और सरकार द्वारा अनुमोदित तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे देश की सुरक्षा खतरे में न पड़े।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here