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इन सरकारी योजनाओं में मिलता है बिना गारंटी के लोन, जान लीजिए नाम

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भारत एक विकासशील देश है, जहां हर तबके के लोगों की अलग-अलग जरूरतें होती हैं। इन जरूरतों को समझते हुए भारत सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लेकर आती है, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। खासतौर पर छोटे व्यवसायियों, स्ट्रीट वेंडर्स और पारंपरिक कारीगरों के लिए सरकार ऐसी योजनाएं चला रही है, जिनके तहत उन्हें बिना किसी गारंटी के लोन मिलता है। आज हम आपको तीन ऐसी सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे जिनके तहत बिना किसी जमानत के लाखों रुपये तक का लोन लिया जा सकता है।

क्यों जरूरी है बिना गारंटी वाला लोन?

देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं जो या तो अपना नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या फिर पहले से चल रहे व्यवसाय को बड़ा करना चाहते हैं। लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए सबसे बड़ी जरूरत होती है पूंजी की। आमतौर पर बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं लोन देने से पहले गारंटी या किसी संपत्ति की मांग करती हैं। ऐसे में जिनके पास कोई गारंटी नहीं होती, उनके लिए लोन लेना मुश्किल हो जाता है।

सरकार ने इस समस्या को समझते हुए कुछ योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें बिना गारंटी के भी लोन मिल सकता है। आइए जानते हैं ऐसी तीन प्रमुख योजनाओं के बारे में—

1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो छोटे उद्यमियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत व्यक्ति को बिना किसी गारंटी के लोन दिया जाता है ताकि वे अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर सकें या पहले से चल रहे बिजनेस को आगे बढ़ा सकें।

क्या है योजना की खासियत?

  • बिना गारंटी लोन: इस योजना के तहत लोन लेने के लिए किसी भी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होती।

  • तीन श्रेणियां:

    • शिशु लोन: 50,000 रुपये तक। यह उन लोगों के लिए है जो अपना नया काम शुरू करना चाहते हैं।

    • किशोर लोन: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक। यह उन उद्यमियों के लिए है जिनका बिजनेस शुरुआती चरण में है।

    • तरूण लोन: 5 लाख से 10 लाख रुपये तक। यह उन व्यवसायों को दिया जाता है जो विस्तार के चरण में हैं।

    • तरूण प्लस: यह अतिरिक्त सुविधा उन लोगों को दी जाती है जिन्होंने पहले लोन चुकाया हो और अब वे 20 लाख तक का लोन लेना चाहें।

आवेदन प्रक्रिया:

इस योजना के लिए आवेदन udyamimitra.in पर किया जा सकता है। आपको अपने बिजनेस की जानकारी, पहचान पत्र, बैंक डिटेल्स और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। स्वीकृति के बाद लोन सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है।

अब तक का आंकड़ा:

सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बिना गारंटी लोन प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वितरित किया जा चुका है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिला और देश में उद्यमिता को बढ़ावा मिला है।

2. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi)

साल 2020 में जब देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा, तब सबसे ज्यादा प्रभावित हुए सड़क किनारे दुकान लगाने वाले यानी स्ट्रीट वेंडर्स। इन्हीं लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत की।

योजना की विशेषताएं:

  • बिना गारंटी लोन: इस योजना के तहत भी बिना गारंटी के लोन दिया जाता है।

  • तीन चरणों में लोन:

    • पहला लोन: 10,000 रुपये तक।

    • समय पर भुगतान करने पर दूसरा लोन: 20,000 रुपये तक।

    • तीसरा लोन: 50,000 रुपये तक।

  • ब्याज पर सब्सिडी: अगर लाभार्थी समय पर लोन चुकाता है तो सरकार उसे ब्याज पर सब्सिडी भी देती है।

  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: इस योजना के तहत लाभार्थियों को डिजिटल लेनदेन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।

कौन उठा सकता है फायदा?

इस योजना का लाभ सड़क किनारे ठेला लगाने वाले, सब्जी बेचने वाले, चाय वाले, फल वाले, मोची, धोबी, रेहड़ी वाले आदि ले सकते हैं। सरकार का उद्देश्य इन्हें आत्मनिर्भर बनाना और स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता देना है।

3. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana)

भारत की पारंपरिक कारीगरी सदियों से देश की पहचान रही है। बढ़ई, लोहार, सुनार, बढ़ाई, कुम्हार जैसे कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार ने वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की।

योजना की मुख्य बातें:

  • पारंपरिक कारीगरों के लिए विशेष योजना: यह योजना उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक शिल्प या हस्तशिल्प से जुड़े हैं।

  • बिना गारंटी लोन:

    • पहला लोन: 1 लाख रुपये तक।

    • दूसरा लोन: 2 लाख रुपये तक।

  • कम ब्याज दर: इन लोन पर ब्याज दर भी बहुत कम होती है, जिससे कारीगरों को लाभ मिलता है।

  • प्रशिक्षण और टूलकिट: सरकार इन कारीगरों को प्रशिक्षण देती है और टूलकिट भी उपलब्ध कराती है ताकि वे अपने काम में और दक्ष हो सकें।

  • डिजिटल पहचान कार्ड: योजना के तहत लाभार्थियों को “विश्वकर्मा पहचान पत्र” भी दिया जाता है।

इन योजनाओं से कैसे बदले लाखों लोगों के जीवन?

सरकारी योजनाओं का असर जमीनी स्तर पर साफ नजर आ रहा है। लाखों लोगों ने इन योजनाओं के तहत लोन प्राप्त कर छोटे व्यापार की शुरुआत की, और अब वे आत्मनिर्भर बन चुके हैं। कुछ लोग अपने गांवों में रोजगार के नए साधन पैदा कर रहे हैं, तो कुछ शहरी इलाकों में रेहड़ी से शुरू होकर अब दुकान के मालिक बन चुके हैं।

निष्कर्ष

सरकार की ये तीनों योजनाएं – प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्वनिधि योजना और विश्वकर्मा योजना, देश के उस वर्ग के लिए हैं जिन्हें मुख्यधारा की फाइनेंसिंग से अक्सर बाहर रखा जाता है। ये योजनाएं न सिर्फ उन्हें वित्तीय मदद देती हैं, बल्कि उनके जीवन को आत्मनिर्भरता की ओर भी ले जाती हैं।

यदि आप भी किसी व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं या अपने मौजूदा काम को विस्तार देना चाहते हैं, और आपके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं है, तो ये योजनाएं आपके लिए संजीवनी साबित हो सकती हैं। आपको सिर्फ सही जानकारी और आवेदन प्रक्रिया को समझना है।

आवेदन करें और आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा बनें!
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए udyamimitra.in, pmsvanidhi.mohua.gov.in और msme.gov.in जैसी सरकारी वेबसाइट्स पर जाकर देख सकते हैं।

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