हर इंसान की जिंदगी में कुछ न कुछ ऐसी आदतें जरूर होती हैं जो उसे आगे बढ़ने से रोकती हैं। कई बार हम खुद को कोसते रहते हैं कि हममें यह बुरी आदत है, वह बुरी आदत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हीं नकारात्मक आदतों को थोड़ा सा मोड़ देकर आप उन्हें अपनी ताकत बना सकते हैं? जी हां, सफलता सिर्फ आदतों को छोड़ने में नहीं, बल्कि उन्हें नई दिशा देने में छुपी होती है।इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे हमारी रोजमर्रा की कुछ नकारात्मक आदतें, जिनसे हम परेशान रहते हैं, असल में सकारात्मक रूप में बदली जा सकती हैं और किस तरह वे आपकी सफलता की राह आसान कर सकती हैं।
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1. टालमटोल की आदत को बना सकते हैं योजनाबद्ध कार्य प्रणाली
हममें से कई लोग ‘प्रोक्रास्टिनेशन’ यानी कामों को टालते रहते हैं। लेकिन यही आदत अगर योजनाबद्ध तरीके से की जाए तो यह प्रायोरिटी तय करने में मदद कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी मुश्किल टास्क को बार-बार टालते हैं, तो एक लिस्ट बनाएं कि क्यों यह टास्क आपको भारी लग रहा है और उसे छोटे टुकड़ों में बांट दें। इस तरह आप धीरे-धीरे न सिर्फ उसे पूरा कर पाएंगे, बल्कि टालमटोल की आदत को कंट्रोल करने का तरीका भी सीखेंगे।
2. ओवरथिंकिंग को बदलें डीप एनालिसिस में
ज्यादा सोचने की आदत अक्सर चिंता और उलझन पैदा करती है, लेकिन इसी को आप एक स्ट्रेंथ में बदल सकते हैं। अगर आप ओवरथिंकर हैं, तो इसका मतलब है कि आप किसी भी स्थिति के पहलुओं को गहराई से सोच सकते हैं। इस सोच को योजना बनाने, रिस्क एनालिसिस या स्ट्रेटेजी डिवेलपमेंट में इस्तेमाल करें। इस तरह आप ज्यादा सोचने को समस्या नहीं बल्कि सफलता का औजार बना सकते हैं।
3. आलोचना से घबराना नहीं, सीखना शुरू करें
नकारात्मक सोच रखने वाले लोग अक्सर दूसरों की बातों या आलोचनाओं से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन अगर आप यह समझ जाएं कि हर आलोचना में कुछ न कुछ सीखने को जरूर होता है, तो आपकी सोच सकारात्मक हो जाएगी। अगली बार जब कोई आपकी आलोचना करे, तो उस पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने की बजाय उसे एक फीडबैक की तरह लें और खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान दें।
4. डिसिप्लिन की कमी को बनाएं माइक्रो-हैबिट्स का हिस्सा
अगर आप रोज किसी नियम या अनुशासन को फॉलो नहीं कर पाते हैं, तो खुद को दोष देने की जगह एक नई रणनीति अपनाएं। एक साथ बहुत बड़ा बदलाव लाने की बजाय, छोटी-छोटी आदतों को जोड़ना शुरू करें। जैसे सुबह 10 मिनट पढ़ना, 5 मिनट मेडिटेशन करना या सिर्फ 15 मिनट एक्सरसाइज करना। ये माइक्रो-हैबिट्स धीरे-धीरे आपके जीवन में अनुशासन ला सकती हैं।
5. जल्दी गुस्सा आना – इस एनर्जी को बनाएं मोटिवेशन का साधन
गुस्सा एक बहुत ही ताकतवर भावना है, जिसे सही दिशा दी जाए तो यह आपको प्रेरणा और दृढ़ निश्चय में बदल सकती है। जब भी आपको किसी चीज़ पर गुस्सा आए, तो खुद से पूछें – “क्या मैं इस गुस्से को एक्शन में बदल सकता हूं?” उदाहरण के लिए, किसी असफलता पर गुस्सा आने की बजाय यह सोचें कि अगली बार मैं क्या अलग कर सकता हूं?
6. सोशल मीडिया की लत को बदलें लर्निंग प्लेटफॉर्म में
अगर आपको दिनभर सोशल मीडिया स्क्रॉल करना पसंद है, तो इस आदत को सकारात्मक मोड़ देने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसे लर्निंग टूल बना लें। इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर मोटिवेशनल या स्किल-डिवेलपमेंट चैनल फॉलो करें। इस तरह आपकी स्क्रीन टाइम भी पॉजिटिव बनेगी और आप नई चीजें भी सीखेंगे।
7. नकारात्मक सोच को बदलें समाधान खोजने की आदत में
अगर आपको हर बात में बुराई या समस्या नजर आती है, तो इसे शिकायत का कारण बनाने की बजाय समाधान सोचने की आदत डालें। हर समस्या को एक अवसर मानें और खुद से पूछें – “मैं इसमें क्या सुधार कर सकता हूं?” यह सोच आपको सिर्फ पॉजिटिव ही नहीं बनाएगी, बल्कि आपको एक इनोवेटिव थिंकिंग वाला लीडर भी बना सकती है।