बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत किसानों को सालाना दी जाने वाली राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने की चर्चा जोरों पर है। देशभर के किसान 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से इस फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, इसलिए किसानों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की संभावित घोषणाओं पर टिकी हैं।
क्या है पीएम किसान योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। सरकार इस योजना के तहत सालाना तीन किस्तों में 2,000 रुपये देती है। कुल 6,000 रुपये दिए जाते हैं।
योजना के महत्वपूर्ण बिंदु
6,000 रुपये की वार्षिक सहायता राशि।
यह राशि तीन बराबर किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
लाभार्थी – छोटे और सीमांत किसान। यह पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाता है।
हेल्पलाइन: 011-24300606, 155261।
क्या बदलाव किए जा सकते हैं?
किसानों और विशेषज्ञों की मांग है कि महंगाई और खेती में बढ़ते खर्चों को देखते हुए योजना की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। फिलहाल सरकार इस योजना के तहत सालाना राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा है कि इस योजना को ज्यादा किसानों तक पहुंचाना एक चुनौती है, लेकिन राशि बढ़ाने पर अभी तक स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया है।
राहत का इंतजार कर रहे किसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक इस योजना की 18 किस्तें जारी कर चुके हैं। उम्मीद है कि फरवरी 2025 में किसानों को 19वीं किस्त मिल जाएगी। अगर राशि बढ़ाने का फैसला होता है तो यह कदम लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। इस योजना से अब तक करोड़ों किसान लाभान्वित हो चुके हैं। बढ़ी हुई राशि किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के लिए और अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी।
क्यों जरूरी है रकम बढ़ाना?
महंगाई और खेती में बढ़ते खर्च की वजह से किसानों को खेती में निवेश करने के लिए ज्यादा पैसे मिलेंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। किसान अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे।
बजट 2025 से उम्मीदें
सभी की निगाहें केंद्रीय बजट 2025 पर टिकी हैं। अगर सरकार पीएम-किसान योजना के तहत रकम बढ़ाने का ऐलान करती है तो यह लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत होगी। इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।