8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों में खासा उत्साह और इंतजार देखने को मिल रहा है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस साल दिसंबर 2025 तक आठवें वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। इसके साथ ही आयोग में सलाहकार और अध्यक्ष समेत कई पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पर कैसे पड़ेगा।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक गणना का पैमाना होता है, जिसकी मदद से केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय करती है। यह पुराने वेतन ढांचे से नए वेतन ढांचे में बढ़ोतरी का अनुपात होता है।
साधारण शब्दों में:
नई बेसिक सैलरी = पुरानी बेसिक सैलरी × फिटमेंट फैक्टर
7वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की 6वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी 15,000 रुपये थी, तो 7वें वेतन आयोग के तहत वही सैलरी बन गई:
15,000 × 2.57 = ₹38,550
8वें वेतन आयोग में कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर?
सूत्रों के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर 2.86 तक के बीच तय किया जा सकता है। हालांकि इसकी अंतिम पुष्टि टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी मिलने के बाद ही होगी।
उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹25,000 है। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो उसकी नई बेसिक सैलरी हो सकती है:
₹25,000 × 2.86 = ₹71,500
यह सीधे तौर पर लगभग तीन गुना सैलरी में इजाफा दिखाता है, जो कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा राहतभरा बदलाव होगा।
कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
सरकार की ओर से दिसंबर 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की संभावना जताई गई है। इसके लिए कुल 42 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिनमें अध्यक्ष और सलाहकार के पद भी शामिल हैं। जब तक आयोग के लिए ToR (Terms of Reference) तय नहीं होते, तब तक सिफारिशों पर काम शुरू नहीं किया जा सकता।
एक बार ToR फाइनल हो जाने के बाद, आयोग वेतन ढांचे, भत्तों, पेंशन और अन्य सुविधाओं पर अध्ययन कर सिफारिशें देगा। इसके बाद उन सिफारिशों को सरकार की मंजूरी मिलनी होगी और फिर उन्हें लागू किया जाएगा।
पेंशनरों को भी मिलेगा लाभ
यह बदलाव सिर्फ सैलरी पाने वाले कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं रहेगा। पेंशनधारी भी इस बढ़ोतरी का लाभ ले सकेंगे, क्योंकि उनकी पेंशन की गणना भी बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होती है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें पेंशनरों के लिए भी फायदेमंद साबित होंगी।
निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आ सकता है। फिटमेंट फैक्टर का जितना ज्यादा मान होगा, उतनी ही ज्यादा सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, अभी इस पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है, लेकिन संकेत बेहद सकारात्मक हैं। यदि सरकार दिसंबर में आयोग का गठन करती है, तो साल 2026 से नए वेतन ढांचे को लागू किया जा सकता है।