अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर साल टैक्स फाइल करने से पहले ये सोचते हैं कि ओल्ड टैक्स रिजीम चुनें या न्यू टैक्स रिजीम, तो यह जानकारी आपके बहुत काम आ सकती है। साल 2020 से सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम लागू की, जिसमें टैक्स रेट्स तो कम हैं, लेकिन डिडक्शन और छूट नहीं मिलती। वहीं, ओल्ड टैक्स रिजीम में आपको तमाम टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स का फायदा मिलता है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी घट जाती है।
यदि आप पहले से टैक्स प्लानिंग करते हैं और निवेश की आदत रखते हैं, तो ओल्ड टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। आइए जानते हैं क्यों:
1️⃣ टैक्स छूट और सेविंग क्लेम करने वालों के लिए बेहतरीन
अगर आप नियमित रूप से टैक्स सेविंग निवेश करते हैं, जैसे कि:
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EPF (कर्मचारी भविष्य निधि)
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PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)
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LIC प्रीमियम
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होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट
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ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम)
तो सेक्शन 80C के तहत आपको ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा,
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सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर
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सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर
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HRA (हाउस रेंट अलाउंस) पर भी टैक्स छूट मिलती है।
ये सभी डिडक्शन सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलती हैं, न्यू टैक्स रिजीम में नहीं। इसलिए अगर आप इन छूटों का लाभ ले रहे हैं, तो नई रिजीम आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है।
2️⃣ होम लोन लेने वालों और किराएदारों के लिए फायदेमंद
अगर आपने होम लोन लिया है, तो ओल्ड टैक्स रिजीम में आप:
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₹2 लाख तक ब्याज पर छूट (सेक्शन 24B)
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और प्रिंसिपल अमाउंट पर ₹1.5 लाख तक छूट (80C) ले सकते हैं।
साथ ही, अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA के जरिए भी आप टैक्स बचा सकते हैं। ये सारे फायदे न्यू टैक्स रिजीम में नहीं मिलते।
3️⃣ सैलरी में ज्यादा अलाउंस और एक्सेम्प्शन मिलने पर
अक्सर नौकरीपेशा लोगों की सैलरी में ये कंपोनेंट शामिल होते हैं:
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HRA (हाउस रेंट अलाउंस)
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LTA (लीव ट्रैवल अलाउंस)
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कन्वेयंस अलाउंस
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प्रोफेशनल टैक्स
ओल्ड टैक्स रिजीम में ये सभी छूट योग्य होते हैं और आपकी टैक्सेबल इनकम को कम करते हैं। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में इन पर कोई छूट नहीं मिलती, जिससे टैक्स ज्यादा देना पड़ सकता है।
4️⃣ जब आपको चाहिए टैक्स प्लानिंग की फ्लेक्सिबिलिटी
ओल्ड टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए आदर्श है जो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग दोनों करना चाहते हैं। इसमें आप:
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PPF, ELSS, NPS जैसे टूल्स के जरिए
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भविष्य की प्लानिंग और टैक्स बचत एक साथ कर सकते हैं।
न्यू टैक्स रिजीम जरूर सिंपल है, लेकिन इसमें किसी भी तरह की टैक्स छूट या प्रोत्साहन नहीं मिलता, जिससे निवेश करने की आदत पर भी असर पड़ सकता है।
🟢 ओल्ड टैक्स रिजीम: फायदे का सौदा?
न्यू टैक्स रिजीम की सादगी और कम टैक्स रेट्स कई लोगों को लुभा सकती है, लेकिन यदि:
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आप टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं
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होम लोन का भुगतान कर रहे हैं
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आपकी सैलरी में छूट वाले कंपोनेंट्स ज्यादा हैं
तो ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यादा फायदे का सौदा है।
🔚 निष्कर्ष
हर टैक्सपेयर्स की स्थिति अलग होती है। इसलिए आपको ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में से कोई भी चुनने से पहले अपनी इनकम, डिडक्शन और इन्वेस्टमेंट हैबिट्स का पूरा विश्लेषण करना चाहिए। एक बार सही कैलकुलेशन करने के बाद ही तय करें कि कौन सा टैक्स स्ट्रक्चर आपके लिए सबसे बेहतर है।