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विराट कोहली के संन्यास को लेकर इस दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बयान ने मचाई सोशल मीडिया पर सनसनी, जानें क्या कहा ?

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ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्रेग चैपल ने कहा कि विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना ‘एक शानदार युग का अंत’ है। आपको बता दें, किंग कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 30 शतक और 31 अर्द्धशतक निकले। कोहली ने भारतीय टीम के इतिहास में सबसे सफल कप्तान के रूप में अपने लाल गेंद क्रिकेट करियर का समापन किया। उनके नेतृत्व में भारत ने 40 मैच जीते, जो किसी भी अन्य भारतीय कप्तान द्वारा जीते गए सर्वाधिक मैच हैं।

भारत के पूर्व मुख्य कोच चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ के लिए अपने कॉलम में कहा कि भारत की क्रिकेट पहचान पर सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव के मामले में कोहली सचिन तेंदुलकर से आगे निकल गए हैं। उन्होंने कॉलम में लिखा कि कोहली का टेस्ट करियर 2011 में शुरू हुआ और उनका एक दशक से भी ज्यादा लंबा करियर धैर्य, जुनून और निडरता से भरा रहा।

चैपल ने लिखा, “कोहली के संन्यास से सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय क्रिकेट में सबसे अधिक परिवर्तनकारी खिलाड़ी का अध्याय समाप्त हो गया है। और शायद कोहली ने भारत की क्रिकेट पहचान पर सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव के मामले में उन्हें पीछे छोड़ दिया है।” उन्होंने कहा, “एक दशक से अधिक समय तक कोहली ने न केवल रन बनाए, बल्कि अपेक्षाओं को भी नए सिरे से परिभाषित किया, परंपराओं को चुनौती दी और 21वीं सदी के आत्मविश्वास से भरे भारत का प्रतीक बने।”

चैपल ने लिखा, “हमने जितने भी गैर-ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर देखे हैं, वे सभी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों जैसे दिखते हैं।” उन्होंने कहा, “वह टेस्ट मैचों में योद्धा थे, कभी एक इंच भी पीछे नहीं हटे।” चैपल ने कहा, “एक समय था जब भारतीय क्रिकेट, खासकर विदेशों में, आसानी से घुटने टेक देता था, लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें बदलाव आया है। सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को नई रीढ़ दी। एमएस धोनी के शानदार नेतृत्व ने भारत को सफेद गेंद वाले क्रिकेट पर हावी होने का मौका दिया। लेकिन कोहली ने इसे ऊर्जा दी। उन्होंने एक नई पटकथा लिखी, जहां भारत ने न केवल विदेशों में प्रतिस्पर्धा की, बल्कि उससे जीत की भी उम्मीद की गई।”

कोहली को कप्तान के रूप में टेस्ट मैचों में भारत के दृष्टिकोण को अकेले ही बदलने का श्रेय देते हुए चैपल ने उन्हें असाधारण बुद्धिमान व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा, “जहां अन्य लोग प्रतिक्रिया करते, कोहली पहले ही अनुमान लगा लेते। वह पारी शुरू होने से पहले ही उसे भांप लेते और दबाव आने से पहले ही उससे निपट लेते।” चैपल ने कहा, “तेंदुलकर एक ‘जीनियस’ थे। धोनी एक ‘मास्टर रणनीतिकार’ और ‘फिनिशर’ थे। लेकिन कोहली भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी रहे हैं। क्यों? क्योंकि उन्होंने न केवल परिणाम बदले, बल्कि मानसिकता भी बदली।”

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