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कलियुग में भगवान कल्कि की उम्र कितनी होगी और किससे होगा विवाह, जानें कल्कि पुराण की 4 भविष्यवाणियां

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सनातन धर्म के अनुसार, प्रत्येक युग में भगवान विष्णु अवतार लेकर धरती पर धर्म की पुनर्स्थापना करते हैं। सतयुग में मत्स्य और कूर्म अवतार, त्रेतायुग में श्रीराम और द्वापर में श्रीकृष्ण का अवतार हुआ। अब कलियुग चल रहा है, और मान्यता है कि इस युग के अंत में भगवान विष्णु अपने दशवें अवतार ‘कल्कि’ के रूप में प्रकट होंगे। कल्कि पुराण, जो कि एक उपपुराण है, उसमें भगवान कल्कि के जीवन, उद्देश्य और भविष्य की घटनाओं का उल्लेख विस्तार से किया गया है।

आइए जानते हैं कल्कि पुराण की उन 4 प्रमुख भविष्यवाणियों के बारे में, जो भगवान कल्कि के अवतार, उम्र, विवाह और कार्यों से जुड़ी हैं।

1. भगवान कल्कि का जन्म स्थान और समय

कल्कि पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म कलियुग के अंतिम चरण में होगा, जब अधर्म, पाप और अन्याय अपने चरम पर पहुंच चुका होगा। उनका जन्म शंभल ग्राम नामक स्थान में होगा, जो आज के उत्तर प्रदेश या बिहार के कुछ क्षेत्रों से जोड़ा जाता है। उनके पिता का नाम विश्वनाथ और माता का नाम सुमति होगा।
यह भविष्यवाणी बताती है कि कल्कि अवतार तब प्रकट होंगे जब धर्म लगभग समाप्त हो जाएगा और मानवता संकट में होगी।

2. भगवान कल्कि की आयु

कल्कि पुराण में वर्णन है कि जब भगवान कल्कि प्रकट होंगे, तब उनकी आयु लगभग 16 वर्ष होगी। यानी वे युवा अवस्था में ही अधर्म का नाश करने के लिए तैयार हो जाएंगे।
शास्त्रों में कहा गया है कि उनका शरीर तेजस्वी, बलवान और दिव्य अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित होगा। वे देवताओं से प्राप्त घोड़ा ‘देवदत्त’ और तलवार ‘रत्नमार्ग’ से युद्ध करेंगे।

3. भगवान कल्कि का विवाह

भगवान कल्कि का विवाह पद्मा नामक कन्या से होगा। पद्मा एक अत्यंत सुंदर, गुणी और धार्मिक स्त्री होंगी। कहा जाता है कि वह पूर्व जन्म में देवी लक्ष्मी थीं और कल्कि अवतार के साथ विवाह हेतु उन्होंने पुनर्जन्म लिया।
यह विवाह भी किसी साधारण प्रेम प्रसंग से नहीं, बल्कि एक दिव्य संयोग और भविष्य की योजना के अंतर्गत होगा।

4. भगवान कल्कि का उद्देश्य और कार्य

कल्कि अवतार का प्रमुख उद्देश्य अधर्म का संहार और सतयुग की स्थापना है। वे कलियुग के अंत में समस्त पापियों, अत्याचारियों और भ्रष्ट लोगों का नाश करेंगे। इसके बाद पृथ्वी पर फिर से धर्म, सत्य, शांति और सद्भाव की स्थापना होगी।
कल्कि पुराण के अनुसार, वे अपनी तलवार से उन लोगों को समाप्त करेंगे जिन्होंने धर्म का अपमान किया है, और युग चक्र को पुनः सतयुग की ओर मोड़ेंगे।

निष्कर्ष:

कल्कि पुराण की भविष्यवाणियाँ एक ओर जहां धार्मिक श्रद्धा से जुड़ी हुई हैं, वहीं यह आधुनिक युग के लोगों में जिज्ञासा और आशा भी जगाती हैं।
जब भी अन्याय बढ़ता है, लोग कहते हैं — अब कल्कि भगवान ही आएंगे!
यह विश्वास इस बात का प्रतीक है कि भले ही समय कितना भी बुरा हो जाए, सत्य की जीत और धर्म की पुनर्स्थापना अवश्य होती है।

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