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गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को एपल ने दिखाई अपनी औकात, छोड़ा पीछे, लगातार चौथी बार बना नंबर 1

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एप्पल एक प्रसिद्ध प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो विशेष रूप से अपने iPhone के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यह दुनिया के सबसे मूल्यवान ब्रांडों में से एक बन गया है। लगातार चौथी बार एप्पल को इस सूची में पहला स्थान मिला है। रिपोर्ट में विभिन्न देशों और क्षेत्रों की 100 सबसे शक्तिशाली कंपनियों को शामिल किया गया है और इस बार भी एप्पल शीर्ष पर है। एप्पल की ब्रांड वैल्यू इतनी अधिक है कि इसे आंकड़ों में मापना भी मुश्किल हो गया है।

गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी दौड़ में

कैंटर ब्रांड्स मोस्ट वैल्यूएबल ग्लोबल ब्रांड्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, इस बार एप्पल की ब्रांड वैल्यू 1.3 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 1,11,00,000 करोड़ रुपये दर्ज की गई है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है। एप्पल के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर गूगल और माइक्रोसॉफ्ट का नाम आता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की शीर्ष 100 कंपनियों का कुल राजस्व 10.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि है। टेक कम्पनियां इस सूची में शीर्ष पर हैं, जिससे पता चलता है कि वे प्रौद्योगिकी जगत में कितना योगदान देती हैं।

एप्पल नंबर 1 ब्रांड कैसे बना?

एप्पल अपनी ब्रांड वैल्यू बनाए रखने के लिए तीन मुख्य बातों का ध्यान रखता है। जिसमें महत्वपूर्ण बातें सामने लाना (Meaningful), दूसरों से अलग होना (Different) और यादगार बनना (Salient) शामिल है। इसका मतलब यह है कि एप्पल हमेशा कुछ ऐसा बनाता है जो लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो अन्य कंपनियों से अलग होता है, और जिसे लोग आसानी से याद रख सकते हैं। चाहे वह आईफोन हो, मैकबुक हो या कोई भी नया फीचर। एप्पल हर बार कुछ नया और विशेष पेश करता है। यही कारण है कि जब लोग नया फोन या गैजेट खरीदने की सोचते हैं तो सबसे पहले उनके दिमाग में एप्पल का ही नाम आता है।

एआई का बढ़ता प्रभाव और नई कंपनियों का प्रवेश

यह सब देखकर पता चलता है कि नई तकनीक का लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। एआई के कारण कई कंपनियों का मूल्य तेजी से बढ़ा है। एनवीडिया अब पांचवें नंबर पर आ गया है, और ओपनएआई 60वें नंबर पर पहुंच गया है।

एप्पल को भी कुछ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा

एप्पल का ब्रांड मूल्य निश्चित रूप से शीर्ष पर है। लेकिन फिर भी कंपनी को कुछ मामलों में आलोचना का सामना करना पड़ा है। विशेषकर एप्पल ने सिरी में एआई फीचर्स लाने में देरी की है। अब इन सुविधाओं के 2026 तक या उसके बाद आने की उम्मीद है, जिससे कुछ लोग नाराज हैं।

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