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बन गया इतिहास… जापान को पीछे छोड़ भारत ने पाया यह खास मुकाम, अमेरिका, चीन और जर्मनी ही अब आगे

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अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक भारत के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 5 महीने की इस गिरावट में करीब 90 लाख करोड़ रुपए (करीब 15%) बाजार से साफ हो गए। निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। लेकिन मार्च 2025 से मई 2025 के बीच बाजार ने जबरदस्त वापसी की। यह तेजी सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि दुनियाभर के निवेशकों ने इसकी गूंज महसूस की। खास बात यह है कि दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजारों की तुलना में भारत के शेयर बाजार के वैल्यूएशन में सबसे ज्यादा 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैल्यूएशन के लिहाज से भारत इस समय दुनिया का 5वां सबसे बड़ा शेयर बाजार है।

1 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी

  • मार्च 2025 की शुरुआत से अब तक भारत के शेयर बाजार के वैल्यूएशन में 1 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
  • पहले भारत का मार्केट कैप 4.3 ट्रिलियन डॉलर था।
  • अब यह बढ़कर 5.3 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
  • 21% की यह वृद्धि दुनिया के किसी भी प्रमुख शेयर बाजार से अधिक है।
  • भारत अब दुनिया का 5वां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

  • 4 मार्च से 11 जून 2025 तक:
  • सेंसेक्स में 13% (9,525 अंक) की बढ़त दर्ज की गई।
  • निफ्टी में 14% (3,058 अंक) की तेजी दर्ज की गई।

बीएसई मिडकैप में 20.7% की तेजी

बीएसई स्मॉलकैप में 26% की तेजी दर्ज की गई।

गिरावट का दौर भी मुश्किल भरा रहा

  • 27 सितंबर 2024 को सेंसेक्स 85,978 के रिकॉर्ड स्तर पर था।
  • लेकिन 4 मार्च 2025 तक यह गिरकर 72,989 पर आ गया।
  • इसमें करीब 15% (12,988 अंक) की गिरावट दर्ज की गई।
  • इसी अवधि में निफ्टी में भी 16% (4,194 अंक) की गिरावट दर्ज की गई।

दुनिया के बाकी शेयर बाजारों का हाल

भारत के बाद इन देशों ने हासिल की सबसे ज्यादा ग्रोथ:

  • जर्मनी: 14%
  • कनाडा: 11%
  • हांगकांग: 9%
  • जापान और यूके: 8%
  • चीन: 2.7%
  • अमेरिका (दुनिया का सबसे बड़ा बाजार): सिर्फ 2.4%

कमाई अनुमान में गिरावट

विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में कंपनियों के ईपीएस (प्रति शेयर आय) अनुमान थोड़े कमजोर हो सकते हैं। वित्त वर्ष 2025 में मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के ईपीएस अनुमान में कमी की गई है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह कमी कंपनियों के कमजोर नतीजों की वजह से हुई है।

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