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5 दिन से पहले ही सलटा… वैभव सूर्यवंशी को योगराज सिंह का चैलेंज, क्या पूरा कर पाएंगे IPL वंडर बॉय

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से तहलका मचा दिया है। वैभव के नाम इस लीग में सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड है। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए वैभव सूर्यवंशी ने महज 35 गेंदों में शतक जड़ दिया। वैभव का शानदार फॉर्म आईपीएल के बाद भी जारी है। बेंगलुरु में बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अभ्यास मैच में उन्होंने 90 गेंदों में 190 रनों की धमाकेदार पारी खेली। इससे उनके जल्द ही इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारत की अंडर-19 टीम में जगह बनाने की संभावना बढ़ गई है। वैभव सूर्यवंशी के लगातार शानदार प्रदर्शन की चर्चा हर जगह हो रही है। इतनी कम उम्र में उनकी प्रतिभा को देखकर लोग उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से कर रहे हैं, लेकिन पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने वैभव को लेकर एक अहम और गंभीर सवाल उठाया है। वैभव का भविष्य क्या है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। क्या वह टी20 जैसे टेस्ट फॉर्मेट में कमाल दिखा पाएंगे? वैभव के भविष्य पर योगराज सिंह का बयान

5 दिन से पहले ही सलटा... वैभव सूर्यवंशी को योगराज सिंह का चैलेंज, क्या पूरा कर पाएंगे IPL वंडर बॉय

योगराज सिंह ने वैभव सूर्यवंशी को लेकर अहम सवाल उठाया है। ‘इनसाइड स्पोर्ट्स’ से बातचीत में योगराज सिंह ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि वैभव की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट है। देखना यह है कि वह पांच दिन टिक पाता है या नहीं? 50 ओवर का खेल अच्छा है। 20 ओवर का खेल भी अच्छा है। मैं इस फॉर्मेट में विश्वास नहीं करता, लेकिन, जब यह फॉर्मेट है, तो आपको तीनों फॉर्मेट में खेलने के लिए फिट होना चाहिए। आप संघर्ष क्यों करते हैं? क्योंकि आप सिर्फ टी20, आईपीएल और 50 ओवर पर ध्यान देते हैं। आज हम 50 ओवर भी नहीं खेल सकते।’

योगराज ने क्रिकेट कोचों पर भी उठाए सवाल

वैभव सूर्यवंशी ही नहीं, योगराज सिंह ने कोचों और प्रशासकों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘सभी कोच और प्रशासक एयर कंडीशनिंग में काम करना चाहते हैं। यहां मैं 48 डिग्री सेल्सियस में हूं और मेरे अंदर युवराज सिंह जैसे और महान क्रिकेटर तैयार करने का जुनून है, जबकि आजकल कोचों में जुनून की कमी है।’ योगराज सिंह का मानना ​​है कि आजकल खिलाड़ी सिर्फ़ छोटे फ़ॉर्मेट पर ध्यान देते हैं. वे टेस्ट क्रिकेट को भूल गए हैं. टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी को पाँच दिन खेलना होता है. इसके लिए काफ़ी फ़िटनेस और धैर्य की ज़रूरत होती है. वैभव सूर्यवंशी ने कम उम्र में ही काफ़ी सफलता हासिल कर ली है. लेकिन, उन्हें अभी भी बहुत कुछ सीखना है. उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा.

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