क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने स्टाफ और अधिकारियों के लिए लागू यात्रा नीति (Travel Policy) में बड़ा बदलाव करते हुए दैनिक भत्ते (Daily Allowance) की राशि में कटौती कर दी है। अब बोर्ड के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों, चयनकर्ताओं और सहयोगी स्टाफ को विदेश दौरों के दौरान कम भत्ता मिलेगा। साथ ही, बोर्ड ने ट्रेवल पॉलिसी को पहले से अधिक सरल और व्यावहारिक बनाने की दिशा में भी कदम उठाया है।
पहले 750 डॉलर, अब मिलेंगे 500 डॉलर
नई ट्रेवल पॉलिसी के तहत अब BCCI स्टाफ को विदेश में रहने के दौरान प्रतिदिन 500 अमेरिकी डॉलर का दैनिक भत्ता मिलेगा, जो पहले 750 डॉलर हुआ करता था। यानी भत्ते में सीधा 250 डॉलर की कटौती की गई है। यह फैसला बोर्ड के बजट नियंत्रण और नीतिगत सख्ती के तहत लिया गया है।
हालांकि खिलाड़ियों के लिए भत्ते की राशि में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका असर केवल गैर-खिलाड़ी स्टाफ — जैसे कोचिंग स्टाफ, फिजियो, ट्रेनर, मैनेजर, चयनकर्ता और अन्य अधिकारियों — पर पड़ेगा।
खिलाड़ियों की सुविधा यथावत
सूत्रों के अनुसार, भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीमों के खिलाड़ियों को अभी भी उनकी पुरानी दरों के अनुसार भत्ता मिलेगा। इसका मतलब यह है कि खिलाड़ियों को विदेश दौरों के दौरान दैनिक खर्च के लिए कोई कमी नहीं झेलनी पड़ेगी। खिलाड़ियों को उनकी ग्रेड के अनुसार पहले जैसी सुविधाएं मिलती रहेंगी।
ट्रेवल पॉलिसी में किया गया सरलीकरण
BCCI ने केवल भत्ते में ही नहीं, बल्कि पूरी ट्रेवल पॉलिसी में भी सुधार किया है। अब यात्रा की बुकिंग, होटल चयन, ट्रांजिट सुविधा और क्लेम प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाया गया है। पहले इन प्रक्रियाओं में काफी जटिलता थी, जिससे स्टाफ को कई बार असुविधा होती थी। नई नीति के तहत कर्मचारियों को यात्रा की अधिक स्वतंत्रता और स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे।
बजट संतुलन की दिशा में कदम?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम BCCI की वित्तीय संरचना को अधिक सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक प्रयास है। बोर्ड विश्व की सबसे धनी क्रिकेट संस्था होने के बावजूद अब व्यय नियंत्रण पर भी ध्यान देने लगा है। अनुमान है कि इस नीति से हर साल करोड़ों रुपये की बचत हो सकती है।
स्टाफ में मिली-जुली प्रतिक्रिया
BCCI के इस फैसले पर स्टाफ की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि यह एक व्यावसायिक निर्णय है और संगठन हित में लिया गया है, जबकि कुछ लोगों ने निजी तौर पर भत्ते में कटौती को अनुचित भी बताया है। हालांकि, आधिकारिक रूप से किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया है।