लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए गूगल ने साल 2023 में डिजीकवच लॉन्च किया था। अब कंपनी ने बताया है कि बेहतर ऑनलाइन माहौल बनाने के लिए उन्होंने पहले क्या कदम उठाए हैं। इसी क्रम में गूगल ने सेफ्टी चार्टर का अनावरण किया है। कंपनी ने बताया है कि उन्होंने लोगों को ऑनलाइन स्कैम से कैसे बचाया है। गूगल का सेफ्टी चार्टर ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर सिक्योरिटी और जिम्मेदार एआई डेवलपमेंट को संबोधित करेगा। कंपनी ने बताया कि उसने डिजीकवच के तहत 6 करोड़ हाई-रिस्क ऐप इंस्टॉलेशन प्रयासों को ब्लॉक किया है। इसके अलावा गूगल प्ले ने 4.1 करोड़ स्कैम ट्रांजेक्शन अलर्ट जारी किए हैं।
13 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी साल 2024 में गूगल पे ने 13000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को रोकने में मदद की है। जीमेल और गूगल मैसेज हर महीने करोड़ों स्पैम ईमेल और स्कैम टेक्स्ट को ब्लॉक करते हैं। गूगल ने इन स्कैम और स्पैम को रोकने के लिए ऑन-डिवाइस एआई का इस्तेमाल किया है। इस संबंध में गूगल इंडिया की कंट्री मैनेजर प्रीति लोबाना ने कहा, ‘भारत को विकसित भारत बनाने के लिए हमें इंटरनेट और अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वसनीय बनाने और उसे बनाए रखने की जरूरत है। हमारा AI सिस्टम नए खतरों और घोटालों को पकड़ने के लिए लगातार विकसित हो रहा है। साथ ही ऐसे पैटर्न को पहचान रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ।’
गूगल साइबर सुरक्षा क्षमता का विस्तार करने के लिए Google.org के माध्यम से एशिया फाउंडेशन में 20 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। फाउंडेशन एशिया प्रशांत में 10 से अधिक नए साइबर क्लीनिकों को फंड करेगा। इसके साथ ही गूगल पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी पर आईआईटी मद्रास के साथ काम करेगा।
डिजीकवच क्या है?
ये दो शब्द डिजी (डिजिटल) + कवच (कवच) से मिलकर बने हैं। डिजीकवच ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यह एक प्रारंभिक खतरा पहचान और चेतावनी प्रणाली है, जो भारत में साइबर अपराधों से गूगल उपयोगकर्ताओं को बचाती है। यह उपयोगकर्ताओं को संभावित धोखाधड़ी के बारे में सूचित करता है और उन्हें इसका शिकार होने से रोकता है।