हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन भगवान भैरव को समर्पित होता है, जिन्हें शिवजी का रौद्र रूप माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत और भगवान भैरव की आराधना करने से दुश्मनों पर विजय, बुरी शक्तियों से रक्षा और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इस बार वैशाख कालाष्टमी आज यानी 18 जून 2025 को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं इस व्रत की पौराणिक कथा और महत्व।
कालाष्टमी व्रत का महत्व
कालाष्टमी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जो जीवन में बार-बार बाधाओं, शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी या मानसिक अशांति से परेशान रहते हैं। भगवान भैरव को न्याय और सुरक्षा के देवता माना गया है, जो अपने भक्तों को तत्काल संकट से उबारते हैं। जो भक्त कालाष्टमी के दिन उपवास रखकर विधिवत पूजन करते हैं, उनके सभी दुश्मन शांत हो जाते हैं, और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
पौराणिक कथा
शिवपुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया। ब्रह्मा जी ने शिव जी की निंदा कर दी, जिससे भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो गए। उनके क्रोध से भैरव का जन्म हुआ। भैरव ने ब्रह्मा जी के पंचम सिर को काट दिया। हालांकि बाद में शिवजी ने भैरव को क्षमा कर दिया और उन्हें काशी का कोतवाल यानी रक्षक नियुक्त कर दिया।
इस घटना के बाद भगवान शिव ने भैरव को आशीर्वाद दिया कि जो भी भक्त कालाष्टमी के दिन तुम्हारी आराधना करेगा, उसे शत्रु भय, रोग और संकटों से मुक्ति मिलेगी।
कालाष्टमी पूजा विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ पीले या सफेद वस्त्र पहनें।
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भगवान भैरव की मूर्ति या तस्वीर को पंचामृत से स्नान कराएं।
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भैरव जी को काले तिल, सरसों का तेल, उड़द की दाल और नारियल अर्पित करें।
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कुत्ते को रोटी और दूध खिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि कुत्ता भैरव का वाहन है।
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“ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
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शाम को भैरव चालीसा का पाठ करें और तेल का दीपक जलाएं।
कालाष्टमी के लाभ
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शत्रु बाधा से मुक्ति
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कोर्ट केस में विजय
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कर्ज से छुटकारा
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बुरी नजर और तंत्र-मंत्र से रक्षा
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मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
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गृह क्लेश और मानसिक तनाव से मुक्ति
वैशाख कालाष्टमी का दिन भगवान भैरव की उपासना के लिए अत्यंत पावन अवसर है। इस दिन श्रद्धा, भक्ति और नियमपूर्वक व्रत करने से जीवन में आ रही हर बाधा का अंत संभव है। खासकर अगर कोई व्यक्ति लगातार दुश्मनों के कारण मानसिक अशांति से जूझ रहा है, तो यह व्रत उसके लिए बेहद लाभकारी है। आज के दिन भगवान भैरव का ध्यान और सेवा निश्चित रूप से भक्तों के जीवन में सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है।