हिंदू धर्मग्रंथों में “गरुड़ पुराण” को एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है, जिसे विष्णु पुराण के उपग्रंथों में स्थान प्राप्त है। यह न केवल मृत्यु के बाद की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन करता है, बल्कि जीवन जीने के अनेक नियम और संकेत भी देता है, जिनसे व्यक्ति अपने आने वाले बुरे समय का अनुमान लगा सकता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब इंसान के जीवन में बुरा समय आने वाला होता है, तो उसके पहले कुछ खास संकेत अवश्य दिखाई देने लगते हैं। यदि व्यक्ति सतर्क हो जाए और इन संकेतों को समझकर जीवन में सुधार लाए, तो उस बुरे समय को काफी हद तक टाला भी जा सकता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब इंसान के कर्मों का प्रभाव नकारात्मक दिशा में बढ़ने लगता है और उसके पुण्य कम हो जाते हैं, तो बुरा समय दस्तक देने लगता है। ऐसे समय में भाग्य का साथ छूटने लगता है और जीवन में बाधाएं, बीमारियां, धनहानि और मानसिक क्लेश जैसे संकट जन्म लेने लगते हैं। ग्रंथ के अनुसार, यह सब केवल संयोग नहीं बल्कि हमारे अपने कर्मों का फल होता है, जो हमें पूर्व चेतावनी के रूप में संकेत देता है।
1. नींद में भयावह सपने आना
गरुड़ पुराण कहता है कि जब इंसान को बार-बार डरावने सपने, मृत व्यक्तियों का दिखना या खुद को अंधेरे में खोया हुआ देखना शुरू हो जाए, तो यह बुरे समय की शुरुआत का संकेत हो सकता है। ये सपने मानसिक अशांति और भविष्य में आने वाले संकटों का पूर्वाभास देते हैं।
2. धार्मिक कार्यों से मन हटना
जब व्यक्ति का मन पूजा-पाठ, जप-तप या अच्छे कार्यों से अचानक हटने लगे और उसे आलस्य, निराशा या चिड़चिड़ापन घेरे, तो यह आध्यात्मिक ऊर्जा में गिरावट और नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव का संकेत माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह समय तुरंत सतर्क हो जाने का होता है।
3. घर में लगातार झगड़े और तनाव
जब घर में बिना किसी स्पष्ट कारण के झगड़े, क्लेश और आपसी मतभेद बढ़ने लगें, तो समझ लीजिए कि घर की सकारात्मक ऊर्जा कमजोर हो रही है। यह पारिवारिक सुख-शांति में बाधा डालने वाला एक संकेत है कि कोई अशुभ समय आने वाला है।
4. लगातार आर्थिक नुकसान या कार्यों में विफलता
गरुड़ पुराण बताता है कि जब किसी व्यक्ति के सभी प्रयास विफल होने लगें, निवेश में घाटा हो या धन आते ही अनजाने में खर्च हो जाए, तो यह भी बुरे समय की आहट होती है। इस समय विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है कि कहीं आप गलत दिशा में कर्म तो नहीं कर रहे हैं।
5. शरीर में अचानक कमजोरी या रोगों का बढ़ना
जब व्यक्ति बिना किसी कारण के बार-बार बीमार पड़ने लगे, शरीर कमजोर हो जाए या इलाज के बावजूद आराम न मिले, तो यह भी बुरे ग्रहों और कर्मों का प्रभाव माना जाता है। गरुड़ पुराण में इसे आत्मिक कमजोरी का प्रतीक बताया गया है।
6. अपशकुनों का बार-बार दिखाई देना
गरुड़ पुराण में यह भी कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति को बार-बार टूटे हुए शीशे, उलटे जूते, सांप का दिखना, काले कुत्ते का पीछे लगना या घर के पूजा स्थान में दीया बार-बार बुझ जाना जैसी घटनाएं घटें, तो इन्हें हल्के में न लें। ये अपशकुन आने वाले संकटों की चेतावनी हो सकते हैं।
बुरे समय से बचने के उपाय
गरुड़ पुराण यही नहीं रुकता, बल्कि इससे उबरने के उपाय भी बताता है। प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम, श्रीसूक्त या महामृत्युंजय मंत्र का जाप, दान-पुण्य, पवित्र स्नान, ब्राह्मण भोजन और सत्कर्म बुरे समय को टालने में अत्यंत सहायक माने गए हैं। इसके अलावा नियमित ध्यान और ईश्वर में श्रद्धा रखना मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।
गरुड़ पुराण न केवल मृत्यु उपरांत ज्ञान देता है, बल्कि यह जीवन को भी व्यवस्थित और सुरक्षित रखने की शिक्षा देता है। जो व्यक्ति समय रहते इसके संकेतों को समझकर जीवन में सुधार करता है, वह कई संकटों से पहले ही सुरक्षित हो सकता है। इसलिए गरुड़ पुराण के इन संकेतों को जानना और अपनाना हर किसी के लिए उपयोगी है।