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कपिल देव ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम बदलने पर जताई हैरानी, कहा- यह सम्मान का मामला

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली आगामी टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ रखने पर क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। मेजबान इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने हाल ही में यह निर्णय लिया है कि अब इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी का नाम पहले भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में रखी गई पटौदी ट्रॉफी से बदलकर क्रिकेट के दो दिग्गजों, जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा जाएगा। इस बदलाव को लेकर भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपनी नाराजगी और आश्चर्य व्यक्त किया है, जिनमें अब भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव का नाम भी जुड़ गया है।

कपिल देव ने इस बदलाव पर हैरानी जताते हुए कहा, “पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलना एक गलत कदम है। यह ट्रॉफी पहले से ही भारत के एक महान कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर थी, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी। उनका योगदान क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। उनके सम्मान में इस ट्रॉफी का नाम रखा गया था। अब इस नाम को बदलना एक सम्मान की बात नहीं लगती।”

कपिल देव ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम बदलने पर जताई हैरानी, कहा- यह सम्मान का मामला

यह बदलाव, जिसमें ट्रॉफी का नाम अब जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया है, क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर द्वारा भी आलोचित किया गया है। गावस्कर ने इस बदलाव को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि मंसूर अली खान पटौदी का योगदान भारतीय क्रिकेट में अतुलनीय है और उनके नाम से ट्रॉफी का नाम जुड़ा रहना चाहिए था।

कपिल देव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब किसी व्यक्ति या खिलाड़ी का नाम किसी प्रतिष्ठित ट्रॉफी से जुड़ता है, तो यह सम्मान का प्रतीक होता है। “मंसूर अली खान पटौदी का नाम हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में रहेगा और उन्हें सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए,” कपिल देव ने कहा।

इस बदलाव को लेकर क्रिकेट फैंस के बीच भी काफी चर्चा हो रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह एक सटीक कदम है क्योंकि जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर दोनों ही क्रिकेट के दिग्गज और सबसे महान गेंदबाज और बल्लेबाजों में से हैं, जिन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। वहीं, कई क्रिकेट प्रेमी इस बदलाव को अनावश्यक और असंवेदनशील मानते हैं, खासकर जब यह भारतीय क्रिकेट के एक महान कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के नाम से जुड़ा हुआ था।

हालांकि, इस बदलाव के पीछे ईसीबी का यह तर्क है कि जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के बीच यह मुकाबला हमेशा खास रहता है और उनके बीच की प्रतिस्पर्धा ने क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनाए हैं और तेंदुलकर ने अपने करियर में बल्लेबाजी की कई अनोखी मिसालें पेश की हैं। दोनों ही खिलाड़ियों की उपलब्धियों को देखते हुए ईसीबी ने इस बदलाव को सही ठहराया।

लेकिन भारतीय क्रिकेट के दिग्गज इस बदलाव को लेकर असहमत हैं। कपिल देव, गावस्कर और अन्य खिलाड़ियों का मानना है कि यह निर्णय क्रिकेट के इतिहास और सम्मान के खिलाफ है। इसके साथ ही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर क्यों ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लेने से पहले भारतीय क्रिकेटरों से राय नहीं ली गई।

आखिरकार, यह विवाद भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया मोड़ बन चुका है और अब देखना यह है कि ईसीबी और भारतीय क्रिकेट समुदाय इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाते हैं।

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