पूरी दुनिया में भारतीयों ने अपनी प्रतिभा से अपनी खास जगह बनाई है। प्रतिभाशाली भारतीयों की इस सूची में सत्य नडेला का नाम भी सबसे ऊपर है। हैदराबाद में जन्मे और पले-बढ़े सत्य नडेला ने 35 साल में एक तेलुगु भाषी से लेकर वैश्विक सॉफ्टवेयर लीडर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बनने तक का सफर तय किया है। आइए उनके सफर पर एक नजर डालते हैं। समझने की कोशिश करें कि कैसे एक आईएएस पिता के बेटे, जिनकी मां संस्कृत की एक शानदार शिक्षिका थीं, ने अपनी जूनियर से शादी की और वर्तमान में दुनिया के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ में शुमार हैं।
हैदराबाद पब्लिक स्कूल से की पढ़ाई
सत्य नडेला का पूरा नाम सत्य नारायण नडेला है, उनका जन्म 19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता बुक्कापुरम नडेला युगंधर आईएएस थे। इसलिए माता प्रभावती संस्कृत का व्याख्यान हुआ था। तेलुगु परिवार से ताल्लुक रखने वाले नडेला का परिवार हिंदू धर्म का सख्ती से पालन करता है। उन्होंने हैदराबाद पब्लिक स्कूल बेगमपेट से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1988 में बैंगलोर के मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
यूएसए से एमएस के बाद एमबीए
बैंगलोर स्थित मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद सत्य नडेला उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने 1990 में विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में एमएस की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अपना करियर शुरू किया और 1997 में शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया।
पिता के बैच की बेटी से शादी, तीन बच्चे
सत्य नडेला ने विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1992 में शादी कर ली। उनकी शादी उनके पिता के बैचमेट और मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उनकी जूनियर अनुपमा से हुई। उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल है। उनका बेटा सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से पीड़ित है। उनका परिवार वाशिंगटन के क्लाइड हिल और बेलेव्यू में रहता है।
सन माइक्रोसिस्टम्स से की थी करियर की शुरुआत
सत्य नडेला ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत सन माइक्रोसिस्टम्स से वर्ष 1992 में की थी। वे बतौर तकनीकी कर्मचारी जुड़े थे। हालांकि, वे जल्द ही बतौर इंजीनियर माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ गए। यहां उन्होंने शुरुआत में विंडोज एनटी के विकास पर काम किया। इसके बाद सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ्ट में क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े प्रोजेक्ट को लीड करने की जिम्मेदारी दी गई।
वर्ष 2001 में सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस सॉल्यूशंस के कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2007 से 2011 तक माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस डिविजन में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के वाइस प्रेसिडेंट के पद पर काम किया। इस डिविजन से पदोन्नति मिलने के बाद उन्हें वर्ष 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डिपार्टमेंट का अध्यक्ष बनाया गया। यहां उन्होंने कंपनी को माइक्रोसॉफ्ट के डेटाबेस, विंडोज सर्वर और डेवलपर टूल्स को अपने एज़्योर क्लाउड पर लाने में मदद की। इससे कंपनी का रेवेन्यू बढ़ा।
माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ
फरवरी 2014 में सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का नया सीईओ नियुक्त किया गया। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद वे कंपनी के तीसरे सीईओ हैं। उन्होंने 7 साल तक सीईओ के पद पर काम किया। इसके बाद 7 जून 2021 को उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का चेयरमैन भी बनाया गया। फिलहाल वे माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और चेयरमैन हैं।
सत्य नडेला और नौकरी में कटौती
एक तरफ सत्य नडेला का करियर शानदार रहा है, लेकिन दूसरी तरफ उनकी छवि कंपनी में नौकरियों में कटौती करने वाले सीईओ की रही है। सत्य नडेला के सीईओ बनने के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 18 हजार कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद 7800 कर्मचारियों की छंटनी की गई। वहीं, साल 2023 में छंटनी के चलते 10 हजार कर्मचारी फिर से बाहर हो गए। इस साल जनवरी में 2 हजार और फिर मई में 6 हजार कर्मचारियों को छंटनी के चलते नौकरी छोड़नी पड़ी।
दुनिया के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ!
हैदराबाद से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और चेयरमैन बनने के इस सफर में सत्य नडेला के नाम कई खिताब दर्ज हो गए हैं। 2018 में टाइम्स ने सत्य नडेला को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था। वहीं, 2022 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया। सत्य नडेला इस समय दुनिया के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ में शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 में उनकी बेस सैलरी 669,167 डॉलर थी। 2020 तक सैलरी 2.5 मिलियन डॉलर हो गई है। सैलरी के अलावा सत्य नडेला को कंपनी की तरफ से बोनस भी मिलता है। पिछले सालों में उन्हें 10.2 मिलियन डॉलर का कैश बोनस भी मिला था। इसके साथ ही उन्हें 31 मिलियन डॉलर के शेयर भी दिए गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौजूदा संपत्ति 44.2 मिलियन डॉलर यानी 308 करोड़ रुपये है।