बॉलीवुड की कहानियां अक्सर अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, बोलचाल और जीवनशैली को परदे पर उतारने की कोशिश करती हैं। लेकिन जब बात उत्तर प्रदेश और बिहार की आती है, तो फिल्मों में एक खास “भौकाल” देखने को मिलता है—जिसमें देसी तेवर, ज़मीनी किरदार, दमदार डायलॉग्स और जबरदस्त एक्शन का ऐसा मेल होता है कि दर्शक खुद को सिनेमा हॉल में सीट से उठने नहीं देते।उत्तर प्रदेश और बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों ने न सिर्फ लोकल रंगत को दिखाया है, बल्कि यहां के सामाजिक और राजनीतिक हालात, भाषा, बोलचाल और संस्कृति को भी बखूबी पेश किया है। आइए जानते हैं कि वो कौन-सी प्रमुख बॉलीवुड फिल्में हैं जो UP-बिहार के भौकाल को दर्शाती हैं और क्यों इन्हें देखकर मजा आ जाता है।
1. गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur)
जब भी बिहार या झारखंड की रियलिस्टिक कहानी की बात होती है, तो अनुराग कश्यप की गैंग्स ऑफ वासेपुर का नाम सबसे ऊपर आता है। इस फिल्म ने सिर्फ गैंगवार ही नहीं दिखाया, बल्कि कोयला माफिया, बदले की भावना और वहां के लोगों की बोलचाल और संस्कृति को पूरी ईमानदारी से परदे पर उतारा। “कह के लेंगे” जैसे डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं।
2. अपहरण (Apaharan)
अजय देवगन की ये फिल्म बिहार के अपहरण उद्योग पर आधारित है। प्रकाश झा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अपराध, राजनीति और पुलिस तंत्र की गहरी झलक मिलती है। फिल्म का ट्रीटमेंट और संवाद बिहार के माहौल को ज्यों का त्यों उतारते हैं। यह फिल्म बताती है कि किस तरह भ्रष्ट तंत्र और बेरोजगारी युवाओं को अपराध की ओर धकेलती है।
3. गंगाजल (Gangaajal)
प्रकाश झा की एक और मास्टरपीस, जो बिहार पुलिस और क्राइम के टकराव की सच्ची झलक देती है। अजय देवगन द्वारा निभाया गया ईमानदार एसपी का किरदार और समाज में फैले अपराध के खिलाफ उसकी लड़ाई दर्शकों को झकझोर देती है। “आंख के बदले आंख, पूरा सिस्टम अंधा बना देती है” जैसे डायलॉग फिल्म की गंभीरता को और मजबूत करते हैं।
4. मुन्ना भाई एमबीबीएस (Munna Bhai M.B.B.S.)
हालांकि फिल्म की पृष्ठभूमि पूरी तरह से बिहार या UP की नहीं है, लेकिन संजय दत्त द्वारा निभाया गया ‘मुन्ना’ का किरदार एक देसी ‘भाई’ का प्रतीक है, जिसकी भाषा, हाव-भाव और स्वैग बहुत हद तक UP-बिहार के लोकल कल्चर से मेल खाती है। “भोला भाला गुंडा” वाला टच दर्शकों को खासा भाता है।
5. मिर्जापुर (Web Series)
भले ही यह फिल्म नहीं, बल्कि वेब सीरीज है, लेकिन “मिर्जापुर” ने जो तहलका मचाया है, वो किसी फिल्म से कम नहीं। कालीन भैया, गुड्डू, बबलू जैसे किरदारों ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के गैंगवार और बाहुबली कल्चर को ग्लोबल लेवल पर पहचान दिलाई है। गालियों और देसी एक्शन के साथ यह सीरीज UP के भौकाल की नई मिसाल बन चुकी है।
6. दबंग (Dabangg)
चुलबुल पांडे का नाम आते ही UP के एक दबंग पुलिसवाले की छवि आंखों के सामने घूम जाती है। सलमान खान का स्टाइल, उनका देसी लहजा और गांव की पृष्ठभूमि फिल्म को उत्तर भारत की सच्ची खुशबू देता है। फिल्म भले ही मसाला हो, लेकिन UP के छोटे कस्बों का जो चित्रण है, वो काफी सटीक और मनोरंजक है।
7. राजनीति (Raajneeti)
राजनीति पर आधारित इस फिल्म में भी बिहार के चुनावी माहौल, परिवारवाद और राजनीतिक साजिशों को बखूबी दिखाया गया है। रणबीर कपूर, अजय देवगन और मनोज बाजपेयी जैसे कलाकारों ने इसे और रियल बना दिया। फिल्म कहीं न कहीं बिहार की राजनीतिक गलियों की झलक दिखा जाती है।
8. शुद्ध देसी रोमांस (Shuddh Desi Romance)
ये फिल्म भले ही हल्की-फुल्की प्रेम कहानी हो, लेकिन इसमें झारखंड और बिहार के शहरी बदलते युवाओं की सोच और रिश्तों को लेकर उनकी उलझनों को भी दिखाया गया है। देसी अंदाज में बनी यह फिल्म उस क्षेत्र के नए नजरिये को दर्शाती है।
9. सत्या (Satya) और Company
हालांकि इन फिल्मों की कहानी मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर है, लेकिन इनके कई किरदार जैसे ‘भीखू म्हात्रे’ और ‘मल्ली’ जैसे नामों में एक उत्तर भारतीय ठसक झलकती है। फिल्मों में जो देसी चाल-ढाल दिखाई गई है, वो सीधे तौर पर UP-बिहार के ग्रामीण परिवेश से प्रभावित लगती है।