पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान और इज़राइल युद्धविराम के लिए राजी हो गए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा कि यह सीजफायर अगले 12 घंटे में लागू हो जाएगा और इसके बाद यह संघर्ष “खत्म” माना जाएगा। ट्रंप की इस घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई।
कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट
ट्रंप के ऐलान के बाद कच्चे तेल की कीमतों में करीब 4% की गिरावट आई। इससे पहले सोमवार को भी तेल की कीमतों में 9% की गिरावट दर्ज की गई थी, जब ईरान ने अमेरिका के एक सैन्य ठिकाने पर सांकेतिक हमला किया था। हालांकि, उस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ और ईरान ने यह संकेत दिया था कि वह तनाव बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।
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अमेरिका का कच्चा तेल $65.75 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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हॉर्मुज जलडमरूमध्य पर संकट कम होते ही बाजार में राहत की लहर दौड़ गई।
शेयर बाजारों में आई रौनक
अमेरिका से लेकर जापान तक शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल बना। निवेशकों ने राहत की सांस ली और जोखिम वाली संपत्तियों में कुछ हद तक विश्वास लौटता दिखा।
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S&P 500 इंडेक्स में 0.3% की बढ़त।
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NASDAQ में 0.5% का उछाल।
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जापान का Nikkei इंडेक्स 38,905 तक पहुंच गया, जो पिछले दिन के 38,354 से काफी ऊपर है।
फ्लोरिडा के निवेश सलाहकार जैक एब्लिन ने कहा,”इससे भू-राजनीतिक अनिश्चितता कुछ कम हुई है, हालांकि निवेशक पहले ही इसे नजरअंदाज कर रहे थे। अगर यह युद्धविराम सच साबित होता है, तो यह निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि होगी।”
बॉन्ड, ब्याज दर और डॉलर पर असर
युद्धविराम की खबर से सुरक्षित निवेश की जरूरत कम हो गई है। इसके चलते:
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अमेरिका के 10-वर्षीय ट्रेजरी बॉन्ड के भाव में 6 टिक्स की गिरावट आई।
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ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थोड़ी धीमी पड़ी है।
हालांकि, कुछ दिन पहले फेड की अधिकारी मिशेल बोवमैन ने कहा था कि रोजगार बाजार में गिरावट की वजह से ब्याज दरों में कटौती का समय निकट है। फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल जल्द ही संसद में अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।वर्तमान में बाजार को उम्मीद है कि 30 जुलाई की FOMC बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना मात्र 22% है।
डॉलर, येन और यूरो की चाल
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सीजफायर की खबर के बाद डॉलर 0.1% गिरकर 145.92 जापानी येन पर आ गया।
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यूरो 0.1% मजबूत होकर $1.1589 पर पहुंच गया।
इसका कारण यह है कि तेल की कीमतों में गिरावट से जापान और यूरोप को फायदा होता है क्योंकि वे तेल के आयात पर निर्भर हैं, जबकि अमेरिका एक तेल निर्यातक देश है।
सोने की कीमतें भी गिरीं
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सुरक्षित निवेश के कम आकर्षण के चलते सोने की कीमतों में 0.4% की गिरावट आई।
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सोना अब $3,353 प्रति औंस पर आ गया।