क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और भी खराब हो गए हैं। इस हमले ने दोनों देशों के बीच शत्रुता को और भी बढ़ा दिया है, और इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों पर बैन लगाने की मांग भी उठ रही है। इस राजनीतिक और सुरक्षा के माहौल में भारतीय क्रिकेट जगत के लिए एक नई स्थिति उत्पन्न हुई है, जब भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन काउंटी चैंपियनशिप में पाकिस्तानी तेज गेंदबाज के साथ खेलते हुए नजर आए।
ईशान किशन ने इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप के दौरान पाकिस्तान के तेज गेंदबाज से साझेदारी की। यह देख कई फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए हैं कि ऐसे संवेदनशील समय में भारतीय खिलाड़ी और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बीच इस प्रकार का सहयोग किस हद तक सही है। कुछ ने इसे ‘क्रिकेट के माध्यम से दोस्ती’ का प्रयास मानते हुए इसका समर्थन किया है, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से गलत ठहराया है।
India 🇮🇳 has boycotted the bilateral talks with Pakistan 🇵🇰
~ But, India can’t boycott cricket with Pakistan. In this video, Ishan Kishan is the wicket keeper and the bowler is Abbas Afridi from Pakistan 🧐
~ What’s your take on this 🤔 #INDvsENG pic.twitter.com/Hfo2G97PBk
— Richard Kettleborough (@RichKettle07)
June 23, 2025
इस घटना ने सोशल मीडिया पर बवाल मचाया है, जहां कुछ फैंस का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों को इस समय पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किसी भी प्रकार की साझेदारी या सहयोग से बचना चाहिए, खासकर जब दोनों देशों के रिश्ते इतने खराब हैं। वहीं, कुछ अन्य ने इसे क्रिकेट की भावना के तहत देखा और कहा कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए, और यह दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच व्यक्तिगत संबंधों का मामला हो सकता है।
ईशान किशन ने इस विवाद को लेकर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) इस प्रकार की घटनाओं पर ध्यान देगा और क्या भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा।
राजनीतिक तनाव के बावजूद क्रिकेट के माध्यम से दोनों देशों के बीच संवाद और संपर्क की संभावनाएं हमेशा चर्चा का विषय रही हैं, लेकिन इस बार यह विवाद एक नया मोड़ ले चुका है, खासकर तब जब सुरक्षा और कूटनीतिक मसले इतने संवेदनशील हैं।
आगे बढ़ते हुए यह देखना होगा कि इस मामले पर भारतीय क्रिकेट संघ क्या कदम उठाता है और क्या आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच ऐसी साझेदारियां स्वीकार्य मानी जाती हैं या नहीं।