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दुखभरे अतीत में जी रहा है कोई आपका अपना? 2 मिनट के लीक्ड फुटेज में बताये इन संकेतों से जानिए उसकी छिपी पीड़ा

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हर इंसान के जीवन में कोई न कोई ऐसा मोड़ आता है, जो उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल देता है। कुछ लोग इस मोड़ से मजबूत बनकर उभरते हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो उस बीते हुए दर्दनाक समय में कहीं खो जाते हैं। दुखभरे अतीत की यादें उनका पीछा नहीं छोड़तीं और धीरे-धीरे उनका व्यवहार, सोचने का तरीका और जीवन जीने का नजरिया भी बदलने लगता है। ऐसे व्यक्ति को पहचानना आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप ध्यान दें, तो उनके भीतर छुपे दर्द को उनके हाव-भाव और जीवनशैली से समझा जा सकता है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से हम जानेंगे कि ऐसे व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिति कैसी हो जाती है।

1. हमेशा अकेले रहना पसंद करते हैं

दुखभरे अतीत से जूझ रहे लोग अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं। भीड़ या सामाजिक मेलजोल से वे खुद को असहज महसूस करते हैं। वे ज्यादा बातचीत करने से बचते हैं और खुद को किसी को समझाने की कोशिश भी नहीं करते। उनका अकेलापन दरअसल उनके भीतर चल रही मानसिक उथल-पुथल का प्रतीक होता है।

2. आंखों में दिखता है खालीपन

ऐसे व्यक्ति की आंखों में अक्सर एक गहरी उदासी और खालीपन देखा जा सकता है। भले ही वे मुस्कुरा रहे हों, लेकिन उनकी आंखें उनकी सच्चाई बयान कर देती हैं। उनके अंदर का दर्द उनकी आंखों से झलकता है, मानो वे हर समय किसी न किसी याद में डूबे रहते हों।

3. खुद पर विश्वास की कमी

दुखद अनुभवों से गुजरने वाले लोग आत्मविश्वास खो बैठते हैं। उन्हें लगता है कि वे किसी लायक नहीं हैं, या फिर जो कुछ हुआ, वह उनकी गलती थी। वे खुद को दोषी मानने लगते हैं और आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।

4. छोटी-छोटी बातों में टूट जाना

ऐसे लोग बहुत जल्दी भावनात्मक रूप से टूट जाते हैं। कोई छोटी-सी बात भी उन्हें अंदर तक झकझोर सकती है। कभी-कभी पुराने जख्मों पर किसी की एक बात मरहम बनने के बजाय नमक का काम करती है, जिससे वे और ज्यादा डिप्रेशन में चले जाते हैं।

5. बीती बातें बार-बार याद करना

जो व्यक्ति अतीत के दर्द से उबर नहीं पाता, वह अक्सर उन्हीं घटनाओं को बार-बार सोचता रहता है। वह चाहकर भी उन यादों से बाहर नहीं निकल पाता। यह सोच उन्हें वर्तमान से काट देती है और वे वर्तमान में खुश रहने की कोशिश भी नहीं करते।

6. जीवन से उम्मीदें कम हो जाना

दुखभरे अतीत में जीने वाले लोग भविष्य को लेकर निराश रहते हैं। उन्हें लगता है कि अब कुछ अच्छा नहीं हो सकता। उनका नजरिया नकारात्मक हो जाता है, और वे हर स्थिति में पहले बुरा सोचते हैं।

7. आत्मनिर्भरता की भावना का क्षय

अतीत के दर्द में उलझा व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी निर्णय लेने की क्षमता भी खोने लगता है। उसे हर छोटे-बड़े फैसले में असमंजस होता है और वह दूसरों पर निर्भर रहने लगता है, चाहे वह भावनात्मक समर्थन हो या किसी कार्य में सहायता।

8. खुद को दूसरों से तुलना करना

वे अपने हालात की तुलना दूसरों से करने लगते हैं और सोचते हैं कि उनके साथ ही क्यों बुरा हुआ। यह तुलना उन्हें और अधिक हताशा की ओर धकेलती है और वे खुद को दूसरों से कम समझने लगते हैं।

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